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बिहार चुनाव के बाद कांग्रेस को झटका, डॉ. शकील अहमद ने पार्टी छोड़ी

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान समाप्‍त होते ही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरि‍ष्‍ठ नेता डॉ. शकील अहमद ने पार्टी की प्राथम‍िक सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया है

बिहार चुनाव के बाद कांग्रेस को झटका, डॉ. शकील अहमद ने पार्टी छोड़ी
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वरिष्ठ नेता शकील अहमद का इस्तीफा, कांग्रेस से जताया मतभेद

  • डॉ. शकील अहमद ने छोड़ी कांग्रेस की सदस्यता, खड़गे को लिखा भावनात्मक पत्र
  • कांग्रेस के पुराने सिपाही का विदा संदेश: शकील अहमद ने पार्टी से लिया किनारा
  • बिहार चुनाव के बाद कांग्रेस में हलचल, शकील अहमद ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान समाप्‍त होते ही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरि‍ष्‍ठ नेता डॉ. शकील अहमद ने पार्टी की प्राथम‍िक सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया है।

डॉ. शकील अहमद ने कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मल्‍ल‍िकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथम‍िक सदस्‍यता से इस्‍तीफा दिया है। शकील अहमद ने पत्र में कुछ पारिवारिक कारण गिनाए हैं। साथ ही, उन्‍होंने पार्टी के कुछ नेताओं से मतभेद की बात भी कही है। पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी दूसरी पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं।

उन्होंने पत्र में लिखा कि मेरे 16 अप्रैल, 2023 के पत्र का स्मरण करें, जिसके द्वारा मैंने पार्टी को सूचित किया था कि मैं अब भविष्य में कभी चुनाव नहीं लडूंगा। अभी हाल ही में मैंने यह घोषणा भी कर दी थी कि मेरे तीनों पुत्र कनाडा में रहते हैं और उनमें से किसी की भी राजनीति में शामिल होने में कोई रुचि नहीं है, इसलिए वे भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।

डॉ. शकील अहमद ने कहा कि मेरे पूर्वजों की तरह मुझे भी कांग्रेस की नीतियों और सिद्धांतों में अटूट विश्वास है। मैं जीवन भर कांग्रेस की नीतियों और सिद्धांतों का शुभचिंतक और समर्थक बना रहूंगा तथा मेरे जीवन का अंतिम वोट भी कांग्रेस के पक्ष में ही गिरेगा।

उन्‍होंने अपने दादा और पिता की कांग्रेस से जुड़कर राजनीतिक यात्रा की चर्चा की है। उन्‍होंने कहा क‍ि पार्टी की सदस्‍यता त्‍यागने का फैसला मैंने पहले ही कर लिया था।

उन्होंने कहा कि मेरे दादा स्व. अहमद गफूर 1937 में कांग्रेस के विधायक चुने गए थे। 1948 में उनकी मृत्यु के बाद मेरे पिता शकूर अहमद 1952 से 1977 के बीच पांच बार कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए। मैं स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हो सका। उम्‍मीद है क‍ि इस बार कांग्रेस की सीटें बढ़ेंगी और हमारे गठबंधन की मजबूत सरकार बनेगी।

डॉ. शकील अहमद ने कहा कि पार्टी की सदस्यता त्यागने का फैसला तो मैंने पहले ही कर लिया था, परन्तु बिहार में मतदान समाप्त होने के बाद कर रहा हूं, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मतदान से पहले कोई गलत संदेश जाये और मेरी वजह से पार्टी को पांच वोट का भी नुकसान हो। कृप्या मेरे इस पत्र को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा माना जाये।


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