चिराग पासवान ने अपनी ही सरकार के खिलाफ कानून व्यवस्था पर उठाये सवाल
चिराग पासवान ने कहा -ऐसी जगह पर यह घटना घटी है जो पटना का समृद्ध इलाका है। वहां पर 100 मीटर की दूरी पर थाना है तमाम अधिकारियों का घर है जब इस इलाके में ऐसी घटनाएं घट रही है तो गांव-देहात में क्या होता होगा, चिराग पासवान ने एक बार फिर से बिहार के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है

पटना। बिहार के केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान वैशाली जिले के हाजीपुर पहुंचे। पासवान ने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक साथ मंच साझा करने पर कहा- कि जिस तरीके से उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने अपनी जमीन को खोया है उसे बचाने के लिए उन्हें एक मंच पर आना पड़ा है ना कि वह भाषा के लिए मंच पर आए हैं। जिस तरीके से इन लोगों ने अपनी विरासत को खोया हैं और बाला साहब इस विरासत को इन लोगों को सौंप के गए थे उसे हाल के दिनों में इन लोगों ने खोया है, उसी को वापस हासिल करने के लिए इन्होनें एक मंच साझा किया। अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए यह साथ आए हैं।उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक दूसरे से मतभेद भूल कर एक मंच पर आए हैं। हमें नहीं पता है कि मनभेद दूर हुआ है कि नहीं, राजनीति लाभ के लिए दोनों ने एक साथ तस्वीर खींची है।
विपक्ष के द्वारा 9 तारीख को बिहार बंद के ऐलान के बाद चिराग पासवान ने कहा कि जब चुनाव आयोग बुलाता है तो कोई जाता नहीं है और चुनाव आयोग पर मनमानी का आरोप लगाया जाता है। चिराग ने आगे कहा कि प्रूफ दिखाइए मैंने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया है कि किसी को भी वोटर लिस्ट सुधारने में कठिनाई हो रही है तो जाएं उसकी मदद करें, यह एक प्रक्रिया है। जिसे समय-समय पर पूरा किया जाता है। वेरिफिकेशन होना जरूरी है क्योंकि कई बार देखा गया है कि जिन लोगों की मृत्यु को दशकों बीत चुका है उनका भी वोटर लिस्ट में नाम है ऐसे में जिनका सही में हक बनता है उनका नाम वंचित रह जाता हैं। इसको समय-समय पर और सरल किया जा रहा है किसी को कहीं कोई दिक्कत आती है तो उसको हम लोग मदद करेंगे हम विपक्ष के लोगों से भी कहते हैं लोगों को मदद करना चाहिए, विपक्ष राजनीतिकरण न करके लोगों की मदद करें।
पटना में हुए कारोबारी के हत्या पर चिराग पासवान ने कहा कि यह चिंता का विषय है बिहार में लॉ एंड ऑर्डर ध्वस्त हुआ है। यह तो चिंता का विषय है ही। ऐसी जगह पर यह घटना घटी है जो पटना का समृद्ध इलाका है। वहां पर 100 मीटर की दूरी पर थाना है तमाम अधिकारियों का घर है जब इस इलाके में ऐसी घटनाएं घट रही है तो गांव-देहात में क्या होता होगा, चिराग पासवान ने एक बार फिर से बिहार के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है।