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चुनाव आयोग को भाजपा ने अपने हाथों का बनाया हथियार : चिगुरुपति बाबू राव

बिहार में मतदाता सूची संशोधन पर सीपीआई(एम) नेता चिगुरुपति बाबू राव ने बड़ा बयान देते हुए चुनाव आयोग को भाजपा के हाथों का खिलौना बताया है

चुनाव आयोग को भाजपा ने अपने हाथों का बनाया हथियार : चिगुरुपति बाबू राव
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विजयवाड़ा। बिहार में मतदाता सूची संशोधन पर सीपीआई(एम) नेता चिगुरुपति बाबू राव ने बड़ा बयान देते हुए चुनाव आयोग को भाजपा के हाथों का खिलौना बताया है।

उन्होंने कहा कि बिहार में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है और यह वास्तविक पात्र मतदाताओं को सीमित कर रहा है। अब भारत का चुनाव आयोग सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से काम कर रहा है और केंद्र सरकार अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रही है। साथ ही चुनाव आयोग को अपने हाथों का हथियार बना रही है। बिहार में लोगों का मूड भाजपा और एनडीए के खिलाफ है। वह मतदाताओं को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह सूची से वास्तविक पात्र मतदाताओं को हटा रहा है। बिहार में लोगों का मूड भाजपा और एनडीए के खिलाफ है। भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने हितों की रक्षा के लिए मतदाताओं को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं। यह विशेष संशोधन योग्य मतदाताओं को प्रतिबंधित करने का एक प्रयास है। विपक्ष के दबाव के बाद चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से विशेष फॉर्म वापस ले लिया। यह चुनाव आयोग की खुद की गलती को उजागर करता है। बिहार में चुनाव आयोग की भूमिका पूरी तरह से उजागर हो गई है।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आधार कार्ड को चुनाव आयोग पहचान के सबूत के तौर पर स्वीकार नहीं कर रहा है। इसके बजाय, वे पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज मांग रहे हैं। मेरा मानना है कि यह विरोधाभासी कदम है। चुनाव आयोग को पुनर्विचार करना चाहिए और आधार और अन्य ईपीआईसी कार्ड को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार करना चाहिए। इन कार्डों के आधार पर मतदाता सूची तैयार की जानी चाहिए। अन्यथा, जनता और विपक्षी दल भविष्य में भी विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे।


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