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बच्चू काडू का ऐलान : आंदोलन नहीं रुकेगा, सरकार को किसानों के बीच आना होगा

महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू काडू ने राज्य में किसानों के आंदोलन को बंद करने से साफ इनकार कर दिया

बच्चू काडू का ऐलान : आंदोलन नहीं रुकेगा, सरकार को किसानों के बीच आना होगा
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किसानों के आंदोलन पर बच्चू काडू का दो टूक- मुंबई नहीं जाएंगे, सरकार आए संवाद के लिए

  • बच्चू काडू बोले- सरकार से बातचीत तभी होगी जब वो आंदोलन स्थल पर आए
  • महाराष्ट्र में किसान आंदोलन जारी, बच्चू काडू ने सरकार को दी चुनौती
  • बच्चू काडू का बयान- मुंबई जाने से इनकार, आंदोलन के बीच सरकार से सीधा संवाद जरूरी

नागपुर। महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू काडू ने बुधवार को राज्य में किसानों के आंदोलन को बंद करने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट कर दिया कि किसानों के मौजूदा आंदोलन को बंद करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।

उन्होंने किसानों के आंदोलन को लेकर सरकार से किसी भी वार्ता पर अनिच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता हूं कि वहां जाऊं और यहां पर आंदोलन खत्म हो जाए या किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा हो जाए। हमने बहुत ही मुश्किल से इस आंदोलन को खड़ा किया है। अब सरकार का ध्यान इस आंदोलन पर गया है, तो मैं यही कहूंगा कि वे हमारे बीच में आएं और आंदोलनकारी किसानों से बात करें।

उन्होंने कहा कि नागपुर और मुंबई के बीच कुल दूरी 12 घंटे है। इस बीच अगर आंदोलन में कुछ हुआ या किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा हुई, तो निश्चित तौर पर हमारा नाम खराब होगा और ऐसा हम नहीं चाहते हैं। इसी को देखते हुए हम लगातार सरकार से यही अपील कर रहे हैं कि वो हमारे बीच में आकर संवाद स्थापित करे।

उन्होंने कहा कि हम खुद ही चाहते हैं कि किसानों की समस्याओं का समाधान हो। लेकिन, यहां पर एक पेचीदा स्थिति पैदा हो रही है। एक तरफ जहां हम चाहते हैं कि सरकार के लोग हमारे बीच आएं और किसानों की समस्याओं का समाधान करें। वहीं, सरकार चाहती है कि हम उनके पास जाएं। यहां पर पेंच फंस रहा है। अभी चंद्रशेखर बावनकुले का भी फोन आया था। उन्होंने हमें आश्वास्त किया कि वो हमारे मुद्दे सरकार के समक्ष उठाएंगे।

उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर बावनकुले से मेरी फोन पर बात हुई, तो उन्होंने मुझसे मुंबई आने को कहा। लेकिन, मेरी आशंका यही है कि अगर हम मुंबई गए और आंदोलन के दौरान कोई अप्रिय स्थिति पैदा हुई, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? इसी वजह से हम मुंबई जाने से बच रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर संभावना बनी, तो हम आरएसएस के लोगों से भी मिलेंगे, क्योंकि इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि आरएसएस के लोगों की बात महाराष्ट्र की सरकार सुनती है।


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