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अमित शाह ने नमक क्षेत्र में सहकारी मॉडल को किया लागू : वलमजी हुंबल

जीसीएमएमएफ अमूल फेडरेशन के उपाध्यक्ष वलमजी हुंबल ने रविवार को कहा कि सरहद डेयरी की निगरानी में एक नई श्वेत क्रांति की शुरुआत होगी

अमित शाह ने नमक क्षेत्र में सहकारी मॉडल को किया लागू : वलमजी हुंबल
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आणंद। जीसीएमएमएफ अमूल फेडरेशन के उपाध्यक्ष वलमजी हुंबल ने रविवार को कहा कि सरहद डेयरी की निगरानी में एक नई श्वेत क्रांति की शुरुआत होगी। नमक बनाने वाले लोगों के लिए यह एक अच्छा मंच होगा। टाटा की तरह हमारा नमक विश्व बाजार में आएगा। कच्छ ही नहीं बल्कि सुरेंद्रनगर और बनासकांठा के लोगों को भी फायदा होगा।

सरहद डेयरी की निगरानी में नमक उत्पादन के लिए एक नई सहकारी मंडली अगले 15 दिनों में शुरू होगी। इस पहल का उद्देश्य कच्छ, सुरेंद्रनगर, और बनासकांठा के अगरिया समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त करना है। अब तक प्रति किलोग्राम नमक पर केवल 35 पैसे का मुनाफा मिलता था, लेकिन अब इस सहकारी मंडली के माध्यम से उनकी आय 8 से 10 गुना बढ़ सकती है। वहीं, नमक उत्पादन के प्लॉट धारकों को भी पांच-छह गुना अधिक मुनाफा मिलेगा।

अमूल इस नमक का वैश्विक स्तर पर विपणन करेगा, जिससे यह टाटा जैसे ब्रांडों के साथ विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा करेगा। इस मॉडल को अमूल की तर्ज पर विकसित किया गया है, जिसने दूध के क्षेत्र में सहकारिता आधारित क्रांति लाकर दुग्ध उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाया। नमक क्षेत्र को सहकारी मॉडल में लाने का श्रेय अमित शाह को जाता है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार साल पहले उन्हें जो जिम्मेदारी दी थी, उससे व्यापक परिवर्तन आया है।

वलमजी हुंबल ने कहा कि जैसे दूध के क्षेत्र में अमूल ने एक नया आयाम स्थापित किया, वैसे ही नमक के क्षेत्र में यह सहकारी मंडली एक नया आयाम स्थापित करेगी। यह सहकारी मंडली कच्छ, सुरेंद्रनगर, और बनासकांठा के लगभग पांच-छह हजार परिवारों को लाभ पहुंचाएगी। ये क्षेत्र नमक उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं, और इस पहल से न केवल स्थानीय समुदाय को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि वैश्विक बाजार में भारतीय नमक की पहचान भी मजबूत होगी।

हुंबल ने कहा कि अमूल इस नमक का देश-विदेश में विपणन करेगा, जिससे अगरिया समुदाय को उचित मूल्य मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस सहकारी मंडली की शुरुआत को दूसरी श्वेत क्रांति के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि देश में पहली बार सहकारिता आधारित नमक उत्पादन और विपणन का प्रयास किया जा रहा है। अमूल, जो पहले ही दूध और दुग्ध उत्पादों में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है, अब नमक के क्षेत्र में भी उसी तरह की सफलता हासिल करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि सहकारी मंडली टाटा और आशीर्वाद जैसे ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। अगले 15 दिन में यह नमक बाजार में उपलब्ध होगा। इस पहल से न केवल लोगों की आजीविका में सुधार होगा, बल्कि सहकारिता मॉडल के माध्यम से देश के नमक उद्योग में एक नया अध्याय लिखा जाएगा।


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