सतीश कृष्ण सैल की गिरफ्तारी के बाद डी के शिवकुमार ने ईडी पर लगाया बड़ा आरोप, कांग्रेस विधायकों को कर रही टारगेट
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर कांग्रेस पार्टी के विधायकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। धन शोधन के एक मामले में विधायक सतीश कृष्ण सैल की गिरफ्तारी के बाद यह प्रतिक्रिया की गयी है

शिव कुमार ने ईडी पर लगाया कांग्रेस विधायकों को निशाना बनाने का आरोप
बेंगलुरु। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर कांग्रेस पार्टी के विधायकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। धन शोधन के एक मामले में विधायक सतीश कृष्ण सैल की गिरफ्तारी के बाद यह प्रतिक्रिया की गयी है।
शिवकुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में सैल की गिरफ्तारी की आलोचना की और इसे अनावश्यक तथा राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने आरोप लगाया, "वे केवल कांग्रेस विधायकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और हमें निशाना बनाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।"उनकी यह टिप्पणी प्रवर्तन निदेशालय के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा कल देर रात करवार विधानसभा क्षेत्र के विधायक सैल को दिन भर की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किए जाने के तुरंत बाद आयी है। उन्हें आज बाद में अदालत में पेश किया जाएगा।
यह गिरफ्तारी अवैध लौह अयस्क निर्यात की चल रही जांच का हिस्सा है। ईडी ने 13 और 14 अगस्त को करवार (उत्तर कन्नड़), गोवा, मुंबई और नई दिल्ली सहित कई स्थानों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया था। इन छापों के दौरान जिन संस्थाओं को निशाना बनाया गया उनमें आशापुरा माइनकेम लिमिटेड, लाल महल लिमिटेड, स्वास्तिक स्टील्स (होसपेट) प्राइवेट लिमिटेड, आईएलसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड और लक्ष्मी वेंकटेश्वर मिनरल्स लिमिटेड शामिल हैं। ये कंपनियां कथित तौर पर मल्लिकार्जुन शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से लौह अयस्क चूर्ण के अवैध निर्यात में शामिल थीं।
ईडी के अनुसार सैल ने बेलेकेरी बंदरगाह के अन्य व्यवसायों और अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके 19 अप्रैल से 10 जून, 2010 के बीच लगभग 1.25 लाख टन लौह अयस्क चूर्ण का अवैध निर्यात किया। अंकोला स्थित वन विभाग ने इस लौह अयस्क को ज़ब्ती के आदेश दिए थे। अवैध निर्यात का कुल मूल्य 86.78 करोड़ रुपये आंका गया था।
छापेमारी में सैल के आवास से 1.41 करोड़ रुपये और लाल महल लिमिटेड के कार्यालयों से 27 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। इसके अतिरिक्त सैल के परिवार के एक बैंक लॉकर से आभूषण और सोने-चांदी के रूप में 6.75 किलोग्राम सोना जब्त किया गया। आरोपी और संबंधित संस्थाओं से जुड़े 14.13 करोड़ रुपये की शेष राशि वाले बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया। चल रही जांच के लिए और सबूत मुहैया कराने वाले आपत्तिजनक दस्तावेज़, ईमेल और रिकॉर्ड भी जब्त किए गए।
यह मामला बेंगलुरु की एक विशेष अदालत द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं के तहत अवैध लौह अयस्क निर्यात से संबंधित दोषसिद्धि आदेश के बाद दर्ज किया गया है। ईडी की जांच से इन अवैध लेनदेन को अंजाम देने में कई व्यक्तियों और कॉर्पोरेट संस्थाओं की संलिप्तता का संकेत मिलता है, जो खनिज निर्यात के प्रबंधन में प्रणालीगत अनियमितताओं को उजागर करता है।


