तीन तलाक के नाम पर राजनीति : एजाज असलम
जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द आज से 7 मई तक मुस्लिम पर्सनल लॉ जागरूकता अभियान के नाम से अखिल भारतीय अभियान चलाने जा रही है..

रायपुर। जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द आज से 7 मई तक मुस्लिम पर्सनल लॉ जागरूकता अभियान के नाम से अखिल भारतीय अभियान चलाने जा रही है। इसी परिप्रेक्ष्यमें शहर के बैरनबाजार (आशियाना) में एक आमसभा कल 24 अप्रैल को शाम 7 बजे रखी गई है। इस आमसभा में तीन तलाकपर विस्तार से चर्चा की जाएगी। यही नहीं अभियान के अंतर्गत कई कार्यक्रम होंगे जिसमें पिछड़े इलाकों में जाकर कुरान के संदर्भ में उल्लेखित जानकारियों से आम लोगों को अवगत किया जायेगा। आम लोगों के साथ बैठकें होंगी। घर-घर संपर्क कर मुस्लिम महिलाओं को जागृत किया जाएगा। वीवीआईपी से मुलाकात कर रायशुमारी ली जाएगी इत्यादिकार्यक्रम होंगे।
उक्त बातें जमाअत-ए-अस्लामी के अध्यक्ष एजाज असलम एवं छत्तीसगढ़ के प्रभारी शब्बीर खान ने दी। उन्होंने बतायाकि तीन तलाक का प्रावधान कुरान में नहीं है। बल्कि तीन तलाक का राजनीतिकरण कर विभिन्न दल वोट बैंक की राजनीतिकर रहे हैं। उनका कहना था कि कुरान में एक तलाक का उल्लेख है इसमें पति पत्नी संबंध विच्क्षेद के बाद तीन माह तक अलग-अलगरहतेहै। इस बीच संबंधों में मध्यस्था आने के बाद पुन: शादी कर सकते है।
लेकिन स्थिति यथावत रहती है तो एक तलाक का और तीन माह तक मौका दिया जाता है। फिर भी पति पत्नी में सुलह नहीं होती तो दोनों में संबंध विच्छेद कर अलग हो सकते है। इसके लिये मौलवी, अदालत से संपर्क कर प्रावधान का लाभ ले सकते है। जनाब एजाज असलम का कहना था कि पिछले दिनों एक सर्वे में आया है कि मुस्लिम समाज की महिलाओं में तलाक का सप्रतिशत 0.56 है। वहीं हिन्दुओं में 0.76 फीसदी है। मुस्लिम समाज में तलाक के कई कारण है। इसमें एक प्रमुख कारण मुस्लिम समाज में ज्यादातर लोग आर्थिक रूप से कमजोर होते है। साथ ही शिक्षा के स्तर में काफी कमी है। इसके अलावा अन्य कारण है जिसमें समीक्षा की जाएगी। कुरान में जिंदगी के मायने को समझाया गया है और कहा गया है कि शादी के बाद बाहर के रिश्ते का कोई स्थान नहीं है। पति को पत्नी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।


