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उम्मीदवारों के पार्टियों में आदान-प्रदान से राजनीतिक दलों में हो रहीं मुश्किलें

मौजूदा चुनावों में पार्टियों के बीच उम्मीदवारों का आदान-प्रदान अब उन राजनीतिक दलों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है

उम्मीदवारों के पार्टियों में आदान-प्रदान से राजनीतिक दलों में हो रहीं मुश्किलें
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प्रयागराज (यूपी)। मौजूदा चुनावों में पार्टियों के बीच उम्मीदवारों का आदान-प्रदान अब उन राजनीतिक दलों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है, जिन्होंने उम्मीदवारों को उतारा है। समाजवादी पार्टी और भाजपा, विशेष रूप से, प्रयागराज में उम्मीदवार के चयन को लेकर मुद्दों का सामना कर रहे हैं क्योंकि दोनों पार्टियों ने अपनी-अपनी पार्टी के नेताओं के दावों की अनदेखी करते हुए बाहरी लोगों को चुना है।

दो फरवरी को भाजपा छोड़ने वाले बारा विधायक अजय कुमार ने अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव मैदान में प्रवेश किया है।

बसपा ने पहले शिव प्रकाश को बारा से अपना उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन तब शिव प्रकाश का टिकट रद्द कर अजय कुमार को वरीयता दी गई थी।

अजय कुमार ने भाजपा में बगावत कर दी थी क्योंकि उनकी बारा सीट उसके सहयोगी अपना दल को दी जा रही थी।

इसके दो मौजूदा विधायक राजमणि कोल (कोरांव) और विक्रमजीत मौर्य (फाफामऊ) को टिकट नहीं दिया गया है।

पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती कोल को कोरांव (एससी) सीट से और गुरु प्रसाद मौर्य को फाफामऊ सीट से मैदान में उतारा गया है। मौर्य पहले बसपा विधायक रह चुके हैं और बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।

इलाहाबाद उत्तर सीट पर संकट है, जिस पर भाजपा के एक मौजूदा विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी हैं। हालांकि, पार्टी ने अभी तक इस सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।

भाजपा द्वारा अपने सहयोगी अपना दल को बड़ा, प्रतापपुर और सोरांव की सीटें सौंपते हुए करछना और हंडिया की सीटें अपनी सहयोगी निषाद पार्टी को देने की भी चर्चा है।

इलाहाबाद पश्चिम से सिद्धार्थ नाथ सिंह को टिकट मिलने के बाद आरएसएस पृष्ठभूमि के एक वकील देवेंद्र प्रताप सिंह ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने की अपनी योजना की घोषणा की है।

सबसे ज्यादा असंतोष समाजवादी पार्टी (सपा) में देखने को मिल रहा है।

सपा नेता वाचस्पति ने पाला बदल लिया है और अपना दल में शामिल हो गए हैं और एसपी द्वारा अजय मुन्ना को सीट से मैदान में उतारने के बाद बारा से चुनाव मैदान में उतरे हैं, जबकि फूलपुर से पार्टी के पूर्व सांसद नागेंद्र सिंह पटेल भी अपना दल के उम्मीदवार के रूप में कौशांबी की चैल सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

टिकट की पैरवी कर रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता सोशल मीडिया पर अपना विरोध जता रहे हैं।

इलाहाबाद दक्षिण से टिकट मांगने वाले सपा के पूर्व विधायक हाजी परवेज टांकी ने हाल ही में सैकड़ों समर्थकों के साथ बैठक कर पार्टी की नीतियों और टिकट बंटवारे पर सवाल उठाए थे। वह सोशल मीडिया के जरिए इलाहाबाद दक्षिण से सपा प्रत्याशी रायश चंद्र शुक्ला को लेकर सवाल उठा रहे हैं।

बब्बन दुबे, जिन्होंने इलाहाबाद दक्षिण से टिकट का दावा किया था और अपने क्षेत्र में पोस्टर और बैनर भी लगाए थे, अब टिकट न मिलने के बाद विरोध कर रहे हैं।

इसी तरह, 2017 के चुनाव में इलाहाबाद पश्चिम से सपा उम्मीदवार ऋचा सिंह भी फेसबुक पर टिकट न देने के पार्टी के फैसले का विरोध कर रही हैं। बीजेपी नेताओं के साथ सपा प्रत्याशी के फोटो, वीडियो जारी कर टिकट बंटवारे पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।


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