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मप्र में सरकारी दफ्तरों की धुलाई में गौमूत्र फिनाइल के उपयोग पर चढ़ा सियासी पारा

मध्य प्रदेश के सरकारी दफ्तरों की धुलाई गौ-मूत्र से बने फिनाइल से कराए जाने के फैसले से सियासी किचकिच शुरू हो गई है

मप्र में सरकारी दफ्तरों की धुलाई में गौमूत्र फिनाइल के उपयोग पर चढ़ा सियासी पारा
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भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी दफ्तरों की धुलाई गौ-मूत्र से बने फिनाइल से कराए जाने के फैसले से सियासी किचकिच शुरू हो गई है। विपक्ष इस फैसले को प्रतीकों की आड़ लेकर राजनीति करने का आरोप लगा रहा है, तो भाजपा द्वारा कांग्रेस के काल में फैले भ्रष्टाचार की सफाई के लिए यह जरुरी बताया जा रहा है। राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने पिछले दिनों सरकारी दफ्तरों की धुलाई में बड़ी कंपनियांे के फिनाइल का उपयोग करने की बजाय गौ-मूत्र से निर्मित फिनाइल के उपयोग के निर्देश दिए हैं। इस आदेश के बाद से ही सरकार के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि, "भाजपा का मकसद सिर्फ लोगों का मुद्दों से ध्यान भटकाना है। यही कारण है कि तरह-तरह के फैसले लेकर जनता का ध्यान बांटने की कोशिश की जाती है। जनता समस्याओं से जूझ रही है, उससे प्रदेश सरकार को कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन शिवराज सिंह चौहान सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए तरह-तरह के रास्ते खोज रहे हैं।"

वहीं समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता यश भारती का कहना है कि, "भाजपा हमेशा लोगों को भावनात्मक रुप से भड़काने में लगी रहती है। भाजपा हमेशा प्रतीकों की आड़ में छुपकर राजनीति करती रही है, कभी गाय के नाम पर तो कभी गोबर के नाम पर और इतना ही नहीं भगवान व नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम पर भी राजनीति की जा रही है। भाजपा जानती है कि इन मुद्दों का जो विरोध करेगा, सजा तो उसे ही भुगतनी पड़ेगी।"

सरकारी दफ्तरों को गौ-मूत्र के फिनाइल से धोए जाने के फैसले को भाजपा उचित मानती है। पार्टी के प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी का कहना है कि, "कांग्रेस ने अपने 15 माह के शासनकाल में जो गंदगी फैलाई है, उसकी सफाई के लिए गौ मूत्र के फिनाइल से धुलाई जरुरी है। वहीं इस अभियान से गौ माता की समृद्धि होगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा।"


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