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बंगाल में बाढ़ पर राजनीतिक विवाद शुरू, भाजपा ने ममता को दोषी ठहराया

क्षिण बंगाल के सात जिलों में बाढ़ के हालात राजनीतिक विवाद का रूप लेते जा रहे हैं

बंगाल में बाढ़ पर राजनीतिक विवाद शुरू, भाजपा ने ममता को दोषी ठहराया
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कोलकाता। दक्षिण बंगाल के सात जिलों में बाढ़ के हालात राजनीतिक विवाद का रूप लेते जा रहे हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर दबाव बढ़ाते हुए कहा कि वह राज्य सरकार को बताए बिना पानी न छोड़े, अन्यथा राज्य मुआवजे की मांग करने के लिए मजबूर होगा।

हालांकि, भाजपा ने राज्य में बाढ़ की स्थिति के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "पिछले तीन दिनों में, उन्होंने (डीवीसी) 10 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा है, जिसमें से अधिकांश राज्य को सूचित किए बिना छोड़ दिया गया है। यह एक अपराध है और राज्य चुप नहीं बैठेगा। अगर वे फिर से ऐसा करते हैं, तो राज्य मुआवजे की मांग करने के लिए मजबूर हो जाएगा।"

झारखंड सरकार से एक व्यापक योजना तैयार करने के लिए कहते हुए ममता ने कहा, "हमने बाढ़ में फंसे पांच लाख से अधिक लोगों को निकाला है और उनके भोजन और पुनर्वास की व्यवस्था की है। हमने कई चक्रवातों का सामना किया है, लेकिन हमें केंद्र सरकार से एक भी पैसा नहीं मिला। ऐसा नहीं चल सकता।"

उन्होंने कहा, "केंद्र को नहरों को खोदना शुरू करना चाहिए, ताकि झारखंड में अतिरिक्त बारिश बंगाल के लिए अभिशाप के रूप में न आए। मैं प्रधानमंत्री को लिखूंगी और मुख्य सचिव से कृषि मंत्रालय के पास इस मामले को उठाने के लिए कहूंगी।"

मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, "तटबंधों की ठीक से मरम्मत नहीं की गई है और ऐसा इसलिए है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए कहा है। उन्हें अपनी 'लक्ष्मी भंडार' परियोजना के लिए 18,000 करोड़ रुपये की जरूरत है और इसलिए लोगों के जीवन को खतरे में डालते हुए पैसे को डायवर्ट किया गया है।"

उन्होंने कहा, "जब 50 लाख लोग पीड़ित थे, वह अपने चुनाव प्रचार में व्यस्त थीं, क्योंकि कुछ भी हो, उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना है। यहां तक कि भगवान भी इस तरह के अपराध को माफ नहीं करेंगे।"

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, "यह एक सामान्य बात है.. बांध में कुछ क्षमता होती है और अगर बांध से पानी नहीं छोड़ा जाता है, तो यह टूट जाएगा और इससे व्यापक बाढ़ आएगी। वह अवैज्ञानिक बातें बोल रही हैं। उन्हें किसी पर बिना आरोप लगाए दूसरी तैयारी करनी चाहिए थी, ताकि बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।"

तृणमूल सांसद अपरूपा पोद्दार ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा, "लोगों को परेशानी में डालने के लिए केंद्र जानबूझकर पानी छोड़ रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।"


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