पांच दिन बाद महाराष्ट्र लौट रही सियासी हलचल
नई दिल्ली में पांच दिन की राजनीतिक उठापटक के बाद अब शुक्रवार को राजनीतिक घटनाक्रम का केंद्र महाराष्ट्र बनने जा रहा है

मुंबई। नई दिल्ली में पांच दिन की राजनीतिक उठापटक के बाद अब शुक्रवार को राजनीतिक घटनाक्रम का केंद्र महाराष्ट्र बनने जा रहा है। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस महाराष्ट्र में सरकार गठन की योजनाओं को अंतिम रूप दे चुकी हैं। इन पार्टियों के सूत्रों ने यह जानकारी दी। अधिकांश कांग्रेस और राकांपा नेता गुरुवार देर रात या शुक्रवार की सुबह मुंबई लौट आएंगे। राज्य में संभावित सरकार को अंतिम रूप देने से पहले कई महत्वपूर्ण बैठकें की जाएंगी।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को दोपहर के समय बांद्रा में अपने आवास 'मातोश्री' में सभी 56 पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है।
सभी को अपने पहचान पत्र, अपने संबंधित निर्वाचन अधिकारियों द्वारा जारी किए गए चुनाव प्रमाणपत्र और अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ पूरी तरह से तैयार होकर आने को कहा गया है। इन सभी की कुछ दिनों में आवश्यकता पड़ सकती है।
पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि ठाकरे संभवत: उन्हें मुंबई और नई दिल्ली में पिछले दो सप्ताह से चले आ रहे घटनाक्रम और तीनों दलों के प्रस्तावित गठबंधन के बारे में विवरण दे सकते हैं।
शिवसेना के एक नेता ने खुलासा किया कि पार्टी के नेताओं और कैडरों के साथ शुक्रवार की बैठक महत्वपूर्ण होगी कि मुख्यमंत्री कौन होगा। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि उद्धव ठाकरे को खुद यह पद ग्रहण कर राजनीतिक इतिहास बनाना चाहिए।
अपरान्ह लगभग 1.30 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक औपचारिक रूप से अपने नेता का चुनाव करने के लिए होगी, जहां विधायकों को सरकार के गठन की रणनीति और सत्ता के बंटवारे के फार्मूले के अन्य पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
इसके बाद कांग्रेस-राकांपा के नेतृत्व में बने महागठबंधन में शामिल अन्य छोटे दलों के साथ दोनों पार्टियों के नेताओं की बैठक होगी जिसमें इन छोटे दलों से सरकार गठन पर समर्थन मांगा जाएगा।
माना जा रहा है कि इसके बाद शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक होगी जिसमें तय किया जाएगा कि राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा कब पेश किया जाए।


