साइबर ठगों के खिलाफ पुलिस ने कसी कमर
देश में ऑनलाईन बैंकिंग व केसलेस ट्रांजेक्शन की बढ़ती लोकप्रियता के बीच साइबर ठगी करने वालों सक्रियता बढ़ी है...

जांजगीर। देश में ऑनलाईन बैंकिंग व केसलेस ट्रांजेक्शन की बढ़ती लोकप्रियता के बीच साइबर ठगी करने वालों सक्रियता बढ़ी है जिनके मकड़ा जाल में कम पढ़े लिखे से लेकर जानकार भी फंस रहे है। जांजगीर पुलिस इसे लेकर साइबर सेल के माध्यम से न सिर्फ लोगों को जागरुक करने में लगी है। वरन दर्जनों प्रकरण को सुलझाने में काययाब रही है। इसके लिये पुलिस साइबर आर्मी से टाईअप कर चुकी है जिसका सीधा लाभ मिल रहा है बीते तीन माह में ही दो ठगी के प्रकरण को सुलझाने में सफलता मिली है।
संचार क्रांति के युग में ऑन लाईन बैंकिंग की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। व्यापारियों कर्मचारियों सहित सभी वर्ग के लोग पैसों के लेनदेन से लेकर खरीद्दारी तक के लिये हाईटेक तरीकों का उपयोग करते है। एटीएम कार्ड, डेबिटकार्ड और आनलाईन शापिंग ऐसे माध्यम है जिन्हे आसानी से काम हो जाता है। लेकिन इन सुविधाओं का कुछ अपराधिक प्रवृत्ति के लोग ठगी का माध्यम बना लोगों की गाढ़ी कमाई का हिस्सा पलक झपकते ही पार कर देते है। पुलिस भी ज्यादातर मामलों में इसलिये कुछ खास नहीं कर पाती क्योंकि लोग या तो देर से शिकायत लेकर पहुंचते है या फिर स्वयं सुरक्षा के प्रति गंभीर लापरवाही बरत कोई विकल्प ही नहीं छोड़ पाते।
इस संबंध में जांजगीर पुलिस लगातार लोगों को जागरुक बनाने की कोशिश में जुटी है, वहीं साइबर से को मजबूत बनाने का प्रयास भी जारी है जिसके तहत उसने साइबर आर्मी से भी टाई-अप कर लिया है। पुलिस का दावा है कि कोई भी अंतर्राष्ट्रीय गिरोह से ठगी का शिकार व्यक्ति 24 घंटे के भीतर पुलिस से संकर्प करता है तो उसकी रकम विदेश जाने से रोका जा सकता है। सूत्रों की माने तो देश से बाहर आन लाईन केस ट्रांजेक्शन के 12 गेट-वे है जिससे संपर्क कर यहां पहरेदारी कर पैसा विदेश जाने से रोका जा सकता है। ऐसे ही कुछ प्रकरण पुलिस ने सुलझा ली है।
केस 01
जांजगीर थाना से ग्राम पीथमपुर से 27 फरवरी को पुलिस अधीक्षक कार्यालय को शिकायत मिली कि आवेदक के एटीएम कार्ड में अंकित 16 अंकों का नंबर पूछकर अज्ञात व्यक्ति द्वारा 29500 की ठगी कर ली गई है। एएसपी पंकज चंद्रा ने एसपी के निर्देश पर साइबर सेल के माध्यम से जांच प्रारंभ की जिसमें झारखण्ड राज्य के जिला गिरीडीह से किसी अज्ञात व्यक्ति ने आवेदिका के बंैक खाते से पीएटीयू तथा पेटाइम जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गेट-वे के माध्यम से रकम पार करते हुये ऑनलाईन शॉपिंग के द्वारा सामान क्रय किया था उक्त गेट-वे को ई-मेल के माध्यम से जानकारी ली गई। पुलिस ने उक्त गेट-वे से संपर्क कर त्वरित कार्रवाई करते हुये अज्ञात व्यक्ति द्वारा किये गये ट्रांजेक्शन को रद्द करवा दिया तथा आवेदिका को रकम वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
केस 02
थाना शिवरीनारायण के ग्राम धरदेई निवासी द्वारा 15 फरवरी को थाने में शिकायत की जिसके अनुसार प्रार्थी को मोबाईल से संपर्क कर अपने आप को एसबीआई का अधिकारी बता कार्ड नवीनीकरण के नाम से एटीएम कार्ड नंबर व ओटीपी पासवर्ड लेकर खाते से 49198 रूपए आहरित कर लिया गया।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने त्वरित एक्शन लेने साइबर सेल को निर्देशित किया जिसमें विवेचना के दौरान झारखण्ड राज्य के जिला तमताड़ा से अज्ञात व्यक्ति ने आवेदक के खाते से एयरटेल मनी, रिलायंस पेमेंट साल्यूशन लिमिटेड तथा वोडाफोन एमपीईएसए जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गेट-वे के माध्यम से आन लाईन मोबाईल रिचाज एवं बिल पेमेंट किया गया था। उक्त गेट-वे को ईमेल भेजकर अवगत कराते हुये जानकारी दी गई। जिस पर उक्त गेट-वे ने त्वरित कार्रवाई करते हुये मोटी रकम का ट्रांजेक्शन रद्द करते हुये रकम वापस आवेदक के खाते में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
केस 03
8 जनवरी 2016 को जांजगीर थाना मड़वा चौकी से शिकायत पुलिस अधीक्षक को मिली, जिसमें फर्जी तरीके से इंटरनेट, बैकिंग का यूजर आईडी, पासवर्ड तथा ओटीपी पासवर्ड पताकर अज्ञात व्यक्ति द्वारा आवेदक के आईडीबीआई बैंक से 1 लाख रूपए पार कर दिया गया था। इस प्रकरण में एएसपी पंकज चंद्रा साइबर सेल से जांच कराने का जिम्मा लिया, जिसमें विवेचना से पता चला कि प्रार्थी द्वारा किसी फर्जी बेबसाइट के माध्यम से होटल बुक कराया, जिसमें आवेदक ने इंटरनेट बैंकिंग का यूजर आईडी, पासवर्ड और ओटीपी पासवर्ड की जानकारी साझा की थी, जिसका दूरूप्रयोग करते हुये साइबर ठग ने प्रार्थी के खाते से रकम आईडीबीआई बैंक (असम राज्य) ने किसी व्यक्ति के खाते में जमा हो चुका था। जांजगीर पुलिस बैंक से संपर्क साधते हुये प्रकरण पर रोक लगाने की मांग की थी, जिस पर बैंक ने निकाले गये कुल रकम 1 लाख में से 50 हजार रूपए आवेदक के चांपा स्थित आईडीबीआई बैंक के खाते में जमा कर दिया। शेष 50 हजार को अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिल्ली के किसी एटीएम से आहरित कर लिया था।


