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पुलिस अमले ने सीखी सीपीआर, हृदयाघात में जान बचाने में पुलिस करेगी मदद
चूंकि पुलिसकर्मियों की तैनाती जमीनी स्तर पर होती है और वह किसी भी प्रकार के आयोजन एवं वीआईपी मूवमेंट में अपनी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं ।ऐसे में यदि किसी को हृदयाघात होने की दशा में जब तक उन्हें चिकित्सीय सहायता नहीं मिल पाती

गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना के निर्देश पर शनिवार को पूरे प्रदेश में पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों के लिए सीपीआर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। ग्वालियर में भी जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेई कन्वेंशन सेंटर में यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। जिसमें विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने प्रशिक्षार्थियों को बताया कि किस तरह से लोगों को हार्ट अटैक आने की दशा में सीपीआर दिया जा सकता है।

चूंकि पुलिसकर्मियों की तैनाती जमीनी स्तर पर होती है और वह किसी भी प्रकार के आयोजन एवं वीआईपी मूवमेंट में अपनी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं ।ऐसे में यदि किसी को हृदयाघात होने की दशा में जब तक उन्हें चिकित्सीय सहायता नहीं मिल पाती तब तक पुलिसकर्मी अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए सीपीआर देकर उनकी जान बचा सकते हैं। इस मौके पर गुड़गांव के मेदांता मेडिसिटी के चिकित्सक एवं ग्वालियर रेंज के आईजी डी श्रीनिवास वर्मा सहित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित सांघी एवं अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
इस अवसर पर पुलिस अफसरों ने ग्वालियर के गोला का मंदिर थाने की उस घटना का भी जिक्र किया जिसमें एक महिला पुलिस सब इंस्पेक्टर सोनम राजपूत ने एक बुजुर्ग व्यक्ति को हार्ट अटैक आने पर उन्हें सीपीआर देकर उनका जीवन बचाया था। एक महिला पुलिस सब इंस्पेक्टर के इस कार्य की सभी ने प्रशंसा की थी।
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