नशीली दवाओं के कारोबार पर पुलिस का शिकंजा
जिले में नशे का कारोबार दवा दुकानों तक फैला हुआ है

नारकोटिक्स एक्ट व शेड्यूल एच जैसी दवाएं बिना डॉक्टरी पर्ची के बेचने वाले पहुंचेंगे सलाखों के पीछे
जांजगीर। जिले में नशे का कारोबार दवा दुकानों तक फैला हुआ है। जिसकी आड़ में नारकोटिक्स एक्ट व शेड्यूल एच जैसी दवाएं बिना डॉक्टरी पर्ची के बेचने का गोरखधंधा दुकान संचालकों द्वारा की जा रही है। हाल कुछ महीनों के भीतर चांपा, सक्ती, सेमरा में पुलिस द्वारा की गई छापेमार कार्रवाई से इसका खुलासा हुआ है। कई दुकान संचालक इन दवाओं में मोटी कमीशन के लालच में पड़कर अवैध रूप से भण्डारण एवं बिक्री करने में लगे है। पुलिस प्रशासन भी इस मामले पर शीघ्र ही औषधि विक्रेता संघ एवं खाद्य व औषधि विभाग की संयुक्त बैठक बुलाने पर विचार कर रही है।
युवा वर्ग मानसिक तनाव के बीच नशे के शिकार हो रहे है। जिनके लिए कोडिनयुक्त सिरप व बाजार में मिलने वाली नशे की दवाएं अच्छा विकल्प साबित हो रहा है। युवा वर्ग की जरूरत कुछ एक दवा विक्रेताओं द्वारा सुलभ बना दिया गया, जहां से आसानी से बिना डॉक्टरी पर्ची के प्रतिबंधित दवाएं उपलब्ध हो जाती है।
इन्ही शिकायतों के आधार पर जिला पुलिस ने आधे दर्जन से अधिक दवा दुकान संचालकों के यहां कुछ ही महीनों के भीतर दबिश देकर नशीली दवाओं के कारोबार को उजागर किया है तथा ऐसे धंधे में लिप्त संचालकों को सलाखों के पीछे भेजा है। मगर अभी भी ये धंधा जिले के अलग-अलग हिस्सों में धड़ल्ले से जारी है। जहां कोडिनयुक्त सिरप व नशे की गोलियां उपलब्ध है।
मालखरौदा, डभरा, जैजैपुर क्षेत्र में भी बड़ी मात्रा में ऐसी दवाओं की बेरोक टोक बिक्री की शिकायतें मिल रही है। सक्ती में वैद्यनाथ मेडिकल स्टोर्स में छापेमार कार्रवाई के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम को 4 लाख से अधिक कीमत की ऐसी ही दवाईयां बरामद करने में सफलता मिली थी। इन घटनाओं के मद्देनजर गत दिवस बिलासपुर रेंज आईजी ने औषधि विक्रेता संघ व खाद्य एवं औषधि विभाग की संयुक्त बैठक बुलाकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये थे, जिसके अनुसार नोरकोटिकस एक्ट व शेड्यूल एच की दवाईयो का विक्रय नियमानुसार किया जाए व ऐसी दवाइयों का क्रय व विक्रय का रिकार्ड व्यवस्थित रखा जाए।
संदिग्ध क्रेता की सूचना तत्काल 100 या सम्बंधित थाने को दी जाए। अधिक मात्रा में दवाइयों का विक्रय करने की स्थिति में क्रेता का नाम व पता दर्ज कर डॉक्टरी प्रति की छाया प्रति रखी जाए। नाबालिक क्रेताओं को नारकोटिक्स व शेड्यूल एच की दवाईया किसी भी स्थिति में विक्रय न कि जाए। अवैध विक्रय की जानकारी दी जाए। यदि किसी व्यक्ति द्वारा अन्य राज्यों से अवैध खरीदी कर आप के क्षेत्र में बेचा जा रहा है तो उसकी सूचना दी जाए।
ग्रामीण क्षेत्रो में किसी भी विशेष दवाई का विक्रय ज्यादा होने की जानकारी दी जाए। ऐसे व्यक्ति जो बिना वैध लाइसेंस के दवाइयों का भंडारण व विक्रय करते है तो उनके विरुद्ध एनडीपीएस, एससीटी के तहत 10 वर्ष की सजा का प्रवधान है। यदि वैध लाइसेंसधारी भी उपरोक्त दिये गए निर्देशों का पालन नही करते है तो उन पर भी ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत कार्यवाही की जा सकती है साथ साथ लाइसेंस भी निरस्तीकरण किया जा सकता है।
शासन के दिशा निर्देश नहीं मानने वालों के साथ संघ नहीं-पालीवाल
इस संबंध में जिला औषधि विक्रेता संघ के अध्यक्ष नरेन्द्र पालीवाल ने बताया कि दवाओं की बिक्री को लेकर शासन स्तर से गाईड लाईन दिया जाता है। जिसका पालन प्रत्येक दुकान संचालक को करना अनिर्वाय है। जो भी संचालक इन नियमों की अवहेलना करता है, उनका समर्थन संघ किसी भी सूरत में नहीं करेगा।
पुलिस लगातार कर रही कार्रवाई- एएसपी
कुछ दवा दुकान संचालकों द्वारा शासन से मिले निर्देश के विपरित प्रतिबंधित दवाओं एवं शेड्यूल एच जैसी दवाओं का भण्डारण एवं क्रय-विक्रय नियमों की अनदेखी की शिकायत सामने आई है, जिस पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। आगे भी ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई जारी रहेगी। जरूरत पड़ने पर पुलिस दवा विक्रेता संघ की बैठक बुलायेगी।


