पुलिस ने की जेएनयू छात्रों से पूछताछ
जेएनयू में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की याद में एक कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से देश विरोधी नारा लगाने के मामले में पुलिस ने विश्वविद्यालय के 30 छात्रों में से कम से कम चार छात्रों से पूछताछ की

नई दिल्ली| जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की याद में एक कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से देश विरोधी नारा लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय के 30 छात्रों में से कम से कम चार छात्रों से पूछताछ की, जिन्हें जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। स्पेशल सेल के अधिकारियों के समक्ष जेएनयू के मोहित पांडे, शहला राशिद, चिंटू कुमारी तथा कौशिक राज अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे। इनका बयान जेएनयू के प्रशासनिक खंड में दर्ज किया गया।
बीते साल फरवरी में जेएनयू परिसर में भारत विरोधी नारा लगाने के मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "छात्रों को 28 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच अपराह्न 12 बजे से प्रशासनिक खंड में मौजूद रहने को कहा गया है।"
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "पुलिस ने जेएनयू परिसर की नौ फरवरी, 2016 की एक वीडियो फुटेज देखने के बाद 30 छात्रों को जांच में शामिल होने के लिए कहा है। उनके बयान जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य तथा अन्य के खिलाफ राष्ट्रद्रोह के आरोपों के निर्धारण के मामले में अहम भूमिका निभाएंगे।"
नोटिस की एक प्रति जेएनयू के कुलपति को भी भेजी गई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा आरोप पत्र का मसौदा तैयार करने के बाद पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने जांच अधिकारियों को ताजा जांच शुरू करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद इन छात्रों के बयान दर्ज कराए गए हैं।
अधिकारी ने कहा कि कानूनी शाखा ने आरोप पत्र के मसौदे का अध्ययन करने पर पाया कि मामले में अभी और जांच की जरूरत है।
अधिकारी ने कहा, "मसौदे के मुताबिक, उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए पुख्ता सबूत हैं। मसौदे में नौ बाहरी लोगों की भी पहचान की गई है, जिन्होंने जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगाए थे।" मामले को मार्च 2016 में स्पेशल सेल को स्थानांतरित किया गया था।
साल 2001 में संसद पर हुए हमले के दोषी अफजल गुरु की याद में बीते साल नौ फरवरी को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिस दौरान उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य तथा कन्हैया कुमार पर भारत-विरोधी नारे लगाने का आरोप है।


