Top
Begin typing your search above and press return to search.

पुलिस की नई करतूत, पहले लड़की से की छेड़छाड़, बाद में जीजा को बनाया आरोपी

 लोनी ऑफिस से लौट रही युवती से पुलिसकर्मियों द्वारा छेड़छाड़ का मामला छिपाने के लिए फर्जी मुठभेड़ की ड्रामा रचने वाला फर्जी हीरो दरोगा अनूप सिंह खुद को सिंघम कहलाना पसंद करता था

पुलिस की नई करतूत, पहले लड़की से की छेड़छाड़, बाद में जीजा को बनाया आरोपी
X

गाजियाबाद। लोनी ऑफिस से लौट रही युवती से पुलिसकर्मियों द्वारा छेड़छाड़ का मामला छिपाने के लिए फर्जी मुठभेड़ की ड्रामा रचने वाला फर्जी हीरो दरोगा अनूप सिंह खुद को सिंघम कहलाना पसंद करता था। पीड़ित युवती ने बताया कि अपने अधीनस्थों की करतूत छिपाने के लिए दरोगा पहले उनके बहनोई को पकड़कर थाने ले गया। युवती की सूचना पर घर वाले भी थाने पहुंचे। मामला एसएसपी तक पहुंच चुका था। मामला बढ़ता देख दरोगा थोड़ी देर के लिए थाने से बाहर चला गया। जब वह वापस लौटा तो दरोगा का सिर फूटा हुआ और कपड़े फटे हुए थे।

दरोगा ने पुलिसकर्मियों से कहा कि मेरा वीडियो बनाओ, जिससे उसे सबूत के रूप में पेश किया जा सके। इसके बाद दरोगा जीटीबी अस्पताल में जाकर भर्ती हो गया। इसके बाद पुलिस ने पीड़िता के बहनोई को नाटकीय अंदाज में बदमाश बताने पर जुट गई। अधिकारियों को यह सूचना दे दी गई कि पुलिस ने मुठभेड़ में एक बदमाश को पकड़ा है और दो बदमाश फरार हो गए हैं। सुबह अस्पताल से आए दारोगा अनूप सिंह को जब पता चला कि मामला मीडिया तक पहुंच गया है तो वह टीला गांव के कृष्णा असपताल में एडमिट हो गया। इसके बाद वह दोपहर में इस अस्पताल को छोड़कर मोहननगर के एक अस्पताल के आईसीयू में एडमिट हो गया।

पीड़िता के भाई ने बताया कि उनके बहनोई लक्ष्मी गार्डन कॉलोनी में रहते हैं। वह साहिबाबाद इलाके में मोबाइल की दुकान चलाते हैं। अक्सर वह बेहटा पुलिस चौकी वाले रास्ते से ही साहिबाबाद आते-जाते हैं। घटना के वक्त भी वह वहां से निकल रहे थे, इस दौरान एक युवती के साथ पुलिस को अभद्रता करते देख वहां रुक गए। इस बीच जब उन्हें पता चला कि युवती उनकी साली है तो वह उसके पास गए। उन्हें देखकर पीड़िता रोने लगी।

इसके बाद उन्होंने पुलिस वालों से कहा कि यह क्या बदतमीजी है, आप किसी महिला के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं। इस पर पुलिस ने उनसे गाड़ी के कागज मांगे और कहा कि तू क्या यहां का मंत्री है, जो हमसे सवाल कर रहा है। दरोगा ने कहा कि हमारे काम में टांग मत अड़ा, चल जा यहां से। इस बीच जब उन्होंने विरोध जारी रखा तो पुलिसकर्मियों और दरोगा ने उनकी पिटाई कर दी।

बिना समझौता किए बहनोई को नहीं किया रिहा

मामले के मीडिया में आने के बाद पुलिस बैकफुट पर आती दिखी। ऐसे में पुलिस दिनभर पीड़ित पक्ष पर समझौते का दबाव बनाती रही। पुलिस ने पीड़ित युवती और उसके परिजनों से कहा कि अगर समझौता नहीं करोगे तो तुम्हारे जीजा की जमानत भी नहीं हो पाएगी। पुलिस ने परिजनों पर दबाव बनाने के लिए मोहल्ले के लोगों को भी लगा रखा था।

शाम को दरोगा ने पीड़ित पक्ष से फोन पर माफी भी मांगी। पीड़ित पक्ष ने बताया कि दिनभर दबाव डाले जाने के चलते वे परेशान हो गए थे। उन्हें इस बात का भी डर था कि पुलिस उनके बहनोई को मुठभेड़ में पकड़ा दिखाकर बदमाश न घोषित कर दे। यह सोचकर उन्होंने समझौते के लिए हां कर दी। इसके बाद ही शाम करीब 6:30 बजे बहनोई अमित को थाने से रिहा किया गया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it