महिलाओं के मामलों पर पुलिस का संवेदनशील होना जरूरी: रमशीला
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू ने राज्य महिला अयोग और राज्य पुलिस की संयुक्त एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन आज सिविल लाईन स्थित नवीन विश्राम गृह के सभाकक्ष में किया
रायपुर। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू ने राज्य महिला अयोग और राज्य पुलिस की संयुक्त एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन आज सिविल लाईन स्थित नवीन विश्राम गृह के सभाकक्ष में किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्रीमती साहू ने कहा कि महिलाओं से संबंधित विषयों पर पुलिस का संवेदनशील होना जरूरी है। पुलिस की वर्दी की अलग पहचान है, इसलिए पुलिस की जिम्मेदारियां भी अधिक है। हम सबको मिलकर महिलाओं की समस्याएं जैसे लैंगिक विषमता, दहेज प्रताड़ना, टोनही प्रताड़ना मानव तरक्की की रोकथाम, कार्यस्थल में लैंगिक उत्पीड़न इत्यादि समस्याओं के समाधान पर कार्य करना है।
कार्यशाला में समाज में लैंगिक विषता से उत्पन्न समस्या, कन्या भू्रण हत्या, मानव तस्करी के रोकथाम के उपायों, घरेलू हिंसा, दहेज, प्रताड़ना, टोनही प्रताड़ना, कार्यस्थल में लैंगिक उत्पीड़न जैसे महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण जैसे विषयों पर चर्चा हुई। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती हर्षिता पांडेय ने कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 की विस्तार से जानकारी दी, साथ ही उन्होंने महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर आयोग द्वारा किए गए उपायों के बारे में भी बताया।
श्रीमती पांडेय ने यह भी बताया कि कार्यशाला में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर एक कार्य योजना भी तैयार की जा रही है तथा उस कार्य योजना को प्रदेश में अमल में लाया जाएगा। कार्य योजना से एकरूपता आयेगी, जिससे प्रदेश भर में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर कार्य करने में आसानी होगी। कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव डॉ. एम. गीता ने विभाग द्वारा महिलाओं के हित में चलाए जा रहे योजनाओं Óबेटी बचाओ बेटी पढ़ाओÓ, Óनोनी सुरक्षा योजनाÓ की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिला पुरूष लिंगानुपात में अन्य राज्यों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ बेहतर स्थिति में है। समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री सोनमणि बोरा ने भी कार्यशाला को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस निर्देशक श्री आर.के. विज, नेहरू युवा केन्द्र संगठन नई दिल्ली के कार्यपालक निर्देशक डॉ. वीरेन्द्र मिश्रा, मानव सेवा संस्थान गोरखपुर के कार्यकारी निर्देशक श्री जे. एस. त्रिपाठी, मजलिस लीगल सेन्टर मुम्बई की सुश्री आंड्रे डिमेलो और ऑक्सफेम इंडिया के श्री आनंद शुक्ला भी शामिल हुए।


