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चित्तौड़गढ़ में जांच अधिकारियों की कमी से पुलिस विभाग परेशान

राजस्थान में चित्तौड़गढ़ के पुलिस थानों में दर्ज मामलों में जांच अधिकारियों की कमी के चलते कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

चित्तौड़गढ़ में जांच अधिकारियों की कमी से पुलिस विभाग परेशान
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चित्तौड़गढ़। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ के पुलिस थानों में दर्ज मामलों में जांच अधिकारियों की कमी के चलते कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

वर्ष की समाप्ति पर पुलिस विभाग लम्बित मामलों से जूझ रहा है। हालत यह है कि सैंकड़ों मामलों में जांच पूर्ण नहीं होने के कारण पुलिस न तो आरोपियों को गिरफ्तार कर पाई है और न ही गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में आरोप प्रस्तुत कर सकी है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरितासिंह इस सम्बन्ध में बताते हैं कि इस समय जिले में उप निरीक्षक एवं सहायक उप निरीक्षकों की कमी के कारण पुलिस का कामकाज प्रभावित हो रहा है। जिले में पुलिस की नफरी के हालत यह है कि कुल स्वीकृत 75 उप निरीक्षकों के मुकाबले केवल 43 की नियुक्ति दी गयी है जबकि 167 सहायक उप निरीक्षकों की तुलना में केवल 76 की नियुक्ति दी है। दोनों ही पद हर मामले की जांच करके चालान न्यायालय में प्रस्तुत करते हैं। इसी तरह से जिले में 1492 सिपाहियों के मुकाबले 121 की कमी है, जबकि दीवान के 397 पदों की तुलना में केवल 133 पर ही नियुक्ति है इनके साथ ही जिले में एक निरीक्षक की भी कमी चल रही है।

जिले के पुलिस बेड़े में उप निरीक्षक एवं सहायक उप निरीक्षक की कमी के चलते दर्जन भर चौकियों को दीवान या सिपाहियों के भरोसे छोड़ा हुआ है, वहीं एक थाने में तो उप निरीक्षक एवं सहायक उप निरीक्षकों है ही नहीं। इससे कार्यभार बढ़ने से थानाधिकारी परेशान है। थानों में लम्बित मामले 20 से 25 प्रतिशत हैं, हालांकि अधिकारी कह रहे हैं कि दिसम्बर समाप्ति तक इसे 10 प्रतिशत तक ले आएंगे।


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