भविष्य में भौगोलिक तौर पर भारत का हिस्सा होगा पीओके : जयशंकर
भारत ने मंगलवार को कहा कि अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय समुदाय जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने को समझता है

नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को कहा कि अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय समुदाय जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने को समझता है और साथ ही कहा कि नई दिल्ली को विश्वास है कि एक दिन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर उसका भौगोलिक क्षेत्राधिकार (फिजिकल जुरिस्डिक्शन) होगा क्योंकि वह भारत का हिस्सा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह बातें कहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि वह सफलतापूर्वक सीमा पार आतंकवाद की समस्या को खत्म करते हुए सामान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार नहीं करता।
जम्मू एवं कश्मीर की विशेष स्थिति को समाप्त करने से संबंधित सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने जोर दिया कि अनुच्छेद-370 भारतीय संविधान का एक अस्थायी प्रावधान था और इसे किसी दिन समाप्त करना ही था। जयशंकर ने कहा कि यही बात भारत दुनिया को बता रहा है।
इस दौरान जयशंकर से सवाल पूछा गया कि क्या जम्मू-कश्मीर के घटनाक्रम के कारण भारत की छवि प्रभावित हुई है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय यह समझता है कि हमारे उद्देश्य क्या हैं। यह (अनुच्छेद 370) एक अस्थायी प्रावधान था। मैं इसे किसी विश्लेषण में नहीं देखता। जब मैं विदेशी नेताओं से मिलता हूं, तो इस अस्थायी प्रावधान का इतिहास बताता हूं। चूंकि यह अस्थायी था, इसे किसी समय समाप्त होना था।"
मंत्री ने कहा कि इस प्रावधान का उपयोग कुछ लोगों द्वारा उनके निहित स्वार्थों के लिए किया जा रहा था और इसने सामाजिक न्याय व विकास को भी प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि विकास की कमी अलगाववाद को बढ़ावा दे रही थी, जिसका फायदा पाकिस्तान उठा रहा था।
पीओके पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा, "पीओके पर हमारी स्थिति हमेशा स्पष्ट रही है और आगे भी रहेगी। पीओके भारत का हिस्सा है और हम उम्मीद करते हैं एक दिन हम इसे भौगोलिक तौर पर अपने अधिकार क्षेत्र में शामिल कर लेंगे।"


