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शरद रंगोत्सव में कवियों ने बांधा समां

नई दिल्ली| देश भर से यहां आए एक दर्जन से अधिक कवियों-कवित्रियों की उपस्थिति में यहां रविवार को नटरंग शरद रंगोत्सव आयोजित किया गया, जिसमें कवियों ने अपनी कविताओं से दर्शकों को भाव विभोर किया।

नई दिल्ली| देश भर से यहां आए एक दर्जन से अधिक कवियों-कवित्रियों की उपस्थिति में यहां रविवार को नटरंग शरद रंगोत्सव आयोजित किया गया, जिसमें कवियों ने अपनी कविताओं से दर्शकों को भाव विभोर किया। कवि सम्मेलन की शुरुआत मीनाक्षी लेखी की सरस्वती वंदना 'वर दे वीणा वादिनी वरदे' से हुई।

मनोज तिवारी ने इस उपलक्ष्य में एक गाने की प्रस्तुति दी और प्रसिद्ध कवियों ने अपनी कविताओं से कार्यक्रम में समां बांध दिया।

मनोज तिवारी ने इस मौके पर कहा, "इस तरह के कवि सम्मेलन ज्यादा से ज्यादा होने चाहिए, ताकि लोगों की रुचि कविताओं में बनी रहे और ये कविताएं हमारे वीर जवानो का उत्साह बढ़ाने का एक अच्छा कदम हैं।"

कवि सम्मलेन की अध्यक्षता स्वामी चिदानंद सरस्वती ने की। उन्होंने अपने प्रकृति के विधानों और संस्कारों की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "कैसे ऋषि-मुनियों ने शरद पूर्णिमा के महत्व को समझा और बताया कि प्रकृति हमें पवित्रता देती है। मानव सभ्यता को प्रकृति से सीख लेनी चाहिए।"

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कवियों की प्रसंसा करते हुए कहा, "कवि वास्तव में समाज का आईना हैं, जो सच को सच और झूठ को झूठ कहने की हिम्मत रखता है। आज हमारी राजनीति कही न कही कमजोर होती जा रही है और मैं चाहता हूं कि ऐसे लोग खड़े हों, जो सच को सच कहने की हिम्मत रखते हों।"

कार्यक्रम के संयोजक कवि गजेन्द्र सोलंकी ने प्रकृति एवं संस्कृति प्रेमियों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर इस कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया।


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