भोपाल दुग्ध संघ में होगा पीएनजी का उपयोग
मध्य प्रदेश की राजधानी के भोपाल दुग्ध संघ के डेयरी संयंत्र में एलपीजी गैस के स्थान पर अब पीएनजी (पाइप्ड प्राकृतिक गैस) का उपयोग किया जाएगा

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी के भोपाल दुग्ध संघ के डेयरी संयंत्र में एलपीजी गैस के स्थान पर अब पीएनजी (पाइप्ड प्राकृतिक गैस) का उपयोग किया जाएगा। एलपीजी की तुलना में पीएनजी गैस सस्ती है, इस वजह से भोपाल दुग्ध संघ को प्रतिमाह लगभग 10 लाख रुपये की बचत होगी। प्रबंध संचालक एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन शमीमुद्दीन ने बताया कि वर्तमान में भोपाल डेयरी संयंत्र में 47.5 किलोग्राम वजन के 1200 सिलेंडर्स का उपयोग हर माह किया जाता है। भोपाल में वर्तमान में प्राकृतिक गैस भी उपलब्ध हो गई है। मेसर्स थिंक गैस प्राइवेट लिमिटेड को भोपाल में गैस प्रदाय के लिए लाइसेंस दिया गया है। सप्लाई पाइप लाइन भोपाल डेयरी संयंत्र के करीब से ही निकली है। पीएनजी एक स्वच्छ ईंधन है और इसके उपयोग से प्रदूषण एवं खतरा न के बराबर होता है।
पीएनजी यानी कि पाईप्ड नेचुरल गैस है। इस गैस को उद्योगों और घरों तक पाइप के जरिए पहुंचाया जाता है। प्रदूषण नियंत्रण के अलावा पीएनजी गैस एलपीजी गैस की तुलना में 30 प्रतिशत सस्ती होती है। पीएनजी हवा से हल्की होती है, इसलिए रिसाव के दौरान यदि हवा का दबाव सही हो, तो ऊपर उठकर हल्की हवा में गायब हो जाती है।
बताया गया है कि घरेलू पीएनजी सुरक्षित होती है, क्योंकि इसका दबाव सीमित होता है। एलपीजी भारी होती है, इसलिए नीचे की ओर फर्श की सतह पर जम जाती है। एलपीजी की बड़ी मात्रा को लिक्विड रूप में सिलेंडर में जमा किया जाता है। दिल्ली में भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशानुसार लगभग दो हजार फैक्ट्रियों ने पीएनजी सहित स्वच्छ ऊर्जा अपना ली है।


