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पीएमके ने तमिलनाडु में सेवा का अधिकार कानून की मांग पर जोर दिया

पट्टालि मक्कल काची (पीएमके) के अध्यक्ष और सांसद डॉ. अंबुमणि रामदास ने तमिलनाडु सरकार से सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा में सेवा का अधिकार अधिनियम विधेयक पेश करने का आह्वान किया है

पीएमके ने तमिलनाडु में सेवा का अधिकार कानून की मांग पर जोर दिया
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चेन्नई। पट्टालि मक्कल काची (पीएमके) के अध्यक्ष और सांसद डॉ. अंबुमणि रामदास ने तमिलनाडु सरकार से सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा में सेवा का अधिकार अधिनियम विधेयक पेश करने का आह्वान किया है।

रविवार को एक बयान में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह निराशाजनक है कि सरकारी कर्मचारियों के बीच रिश्वतखोरी पर कई रिपोर्टें आने के बाद भी राज्य सरकार सेवा का अधिकार अधिनियम लागू करने के लिए आगे नहीं आ रही है।

उन्होंने कहा कि जल कनेक्शन, सीवेज कनेक्शन और बिजली कनेक्शन सहित सभी आवश्यक सेवाएं अधिकारियों को रिश्वत देने के बाद ही जनता को उपलब्ध थीं। पीएमके नेता ने कहा कि रिश्वतखोरी पर अंकुश लगाने के लिए ई-सेवा केंद्र शुरू किए गए लेकिन रिश्‍वतखोरी के नए तरीके बनाए गए।

डॉ. अंबुमणि रामदास ने कहा कि इसका एकमात्र समाधान सेवा का अधिकार अधिनियम लागू करना है, जिसकी मांग पीएमके पिछले 10 वर्षों से कर रही है।

उन्होंने कहा, “अगर सेवा का अधिकार कानून बना तो सेवाओं के लिए समय सीमा तय हो जाएगी और समय पर सेवाएं नहीं मिलने पर जनता को 10,000 रुपये का मुआवजा देना होगा।“

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह अधिनियम पड़ोसी कर्नाटक और केरल सहित 20 राज्यों में लागू है। 2018 में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला कि 93 प्रतिशत प्रतिभागियों को सेवाएं प्राप्त करने के लिए रिश्‍वत देनी पड़ी और 82 प्रतिशत ने कहा कि सेवाएं अच्छी नहीं थीं।

उन्होंने राज्य सरकार से विधानसभा के आगामी सत्र में सेवा का अधिकार अधिनियम पारित करने का आह्वान किया, ताकि जनता को सरकारी विभागों द्वारा समय पर सेवाएं प्रदान की जा सकें।


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