पीएमजीकेएवाई : पश्चिम बंगाल में सबसे कम बंटा अनाज, राज्यों से तेजी लाने की पासवान की अपील
कोरोना काल में देश के करीब 80 करोड़ राशन कार्डधारकों के लिए शुरू की गई मुफ्त अनाज वितरण की योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत बीते महीने के दौरान सबसे कम अनाज पश्चिम बंगाल में बंटा है

नई दिल्ली। कोरोना काल में देश के करीब 80 करोड़ राशन कार्डधारकों के लिए शुरू की गई मुफ्त अनाज वितरण की योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत बीते महीने के दौरान सबसे कम अनाज पश्चिम बंगाल में बंटा है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने बुधवार को राज्यों से इस दिशा में सक्रियता दिखाते हुए मुफ्त अनाज वितरण में तेजी लाने की अपील की। पासवान ने यहां एक प्रेसवार्ता में खासतौर से उन राज्यों से पीएमजीकेएवाई के तहत अनाज वितरण में तेजी लाने का आग्रह किया, जहां बीते तीन महीनों (अप्रैल, मई और जून) के दौरान 90 फीसदी से कम अनाज वितरण हुआ है।
ऐसे राज्यों की फेहरिस्त में पश्चिम बंगाल सबसे नीचे है, जहां तीन महीने के कुल आवंटन 902757 टन में से 531887 टन यानी कुल आवंटन का 59 फीसदी अनाज बंटा है। इस सूची मंे नीचे से दूसरे स्थान पर मध्यप्रदेश और सिक्किम हैं, जहां 68 फीसदी अनाज वितरण हुआ है। जबकि बिहार 75 फीसदी के साथ तीसरे पायदान पर है।
खाद्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, पीएमजीकेएवाई के तहत बीते तीन महीने के कोटे का अनाज मणिपुर में 80 फीसदी, दिल्ली में 84 फीसदी, झारखंड में 86 फीसदी, महाराष्ट्र में 87 फीसदी और दादर नगर हवेली, दमन और दीव में 87 फीसदी बंटा है। देशभर में पीएमजीकेएवाई के तहत अप्रैल के कोटे का 93 फीसदी, मई का 93 फीसदी और जून के कोटे का अब तक 75 फीसदी अनाज का वितरण हुआ है। बीते तीन महीने के कुल आवंटन का पूरे देश में औसतन 87 फीसदी अनाज वितरण हुआ है।
केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट की इस घड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त अनाज वितरण नवंबर तक बढ़ाकर देश के 80 करोड़ से ज्यादा गरीबों को आगामी त्योहारी सीजन में बड़ी राहत दी है। उन्होंने राज्यों से आगामी महीनों के अनाज का उठाव करने की अपील की।
देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) के करीब 80 करोड़ लाभार्थियों को पीएमजीकेएवाई के तहत हर महीने पांच किलो अनाज अप्रैल से मिल रहा है। इसके अलावाना राशन कार्डधारक प्रत्येक परिवार को एक किलो दाल भी मुफ्त दी जाती है। आरंभ में इसे तीन महीने के लिए लागू किया गया था, लेकिन मंगलवार को प्रधानमंत्री ने इसकी अवधि पांच महीने और बढ़ाकर नवंबर तक के लिए कर दिया।
पासवान ने कहा कि इस योजना पर पूरा खर्च केन्द्र सरकार वहन करती है।
मंत्रालय ने बताया कि पीएमजीकेएवाई को आगे पांच महीने तक बढ़ाने से 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। अगर इसमें पिछले तीन माह का खर्च भी जोड़ दें तो यह करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये हो जाता है।


