नहीं थम रहा प्रदूषण का कहर पीएम-2.5 पहुंचा 496
शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। एनजीटी के आदेश व प्राधिकरण की कार्यवाही भी प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने में नाकाफी साबित होते दिख रहे है। लगातार सड़कों पर छिड़काव भी किया जा रहा है

नोएडा। शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। एनजीटी के आदेश व प्राधिकरण की कार्यवाही भी प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने में नाकाफी साबित होते दिख रहे है। लगातार सड़कों पर छिड़काव भी किया जा रहा है।
बावजूद इसके सेक्टर-62 में पीएम-2.5 का स्तर 475 व सेक्टर-125 में पीएम-2.5 का स्तर 496 रिकार्ड किया गया। जबकि मानक पैमाने पर महज 500 की रीडिंग की रिकार्ड की जा सकती है। यह वह सूक्ष्म कण है। यह कण सांस के जरिए हमारे शरीर में पहुंचकर लोगों को रोगी बना रहे है। हालांकि तीन दिनों से लगातर बढ़ रहे प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर सांस संबंधित मरीजों पर पड़ रहा है।
शुक्रवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जारी इंडेक्स के आकड़े भी चौकाने वाले सामने आए। यह दो स्थानों पर लाइव एयर स्टेशन लगे है। पहला सेक्टर-62 व दूसरा सेक्टर-125। दोनों ही स्थानों पर पीएम-2.5 का स्थल 450 से कहीं ज्यादा रिकार्ड किया। यह आंकड़ा लोगों के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है। वहीं, सेक्टर-125 में पीएम-10 की मात्रा 493 रिकार्ड की गई। वहीं, सेक्टर-62 में पीएम-10 की मात्रा 465 रही। इसके अलावा एसओटू की मात्रा 40, एनओटू की मात्रा 154, सीओ की 121 व ओजोन की मात्रा 33 रिकार्ड की गई। यह सभी मात्राएं सेक्टर-125 में रही।
वहीं सेक्टर-62 में एनओटू की मात्रा 10, सीओ की मात्रा 49 व ओजोन की मात्रा 35 रही। इसमे लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में पार्यवरण में मौजूद यह घातक तत्व लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहे है। नतीजन जिला अस्पताल के अलावा अन्य अस्पतालों में भी स्मॉग के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। जिनका इलाज किया जा रहा है साथ ही सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। प्रदूषण का एक मुख्य कारण शहर का यातायात भी है। लिहाजा परिवहन विभाग ने अभियान चलाकर करीब 58 वाहनों की जांच की। जिसमे 20 वाहनों में प्रदूषण जांच सही निकली। बाकी वाहन चालकों को चेतावनी दी गई। विभागीय अभियान लगातार जारी रहेगा।


