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प्रधानमंत्री शिक्षा नीति के एक साल पूरा होने पर शिक्षा समुदाय को संबोधित करेंगे

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत सुधारों के एक साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 जुलाई को शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में नीति निर्माताओं को वर्चुअल तरीके से संबोधित करेंगे

प्रधानमंत्री शिक्षा नीति के एक साल पूरा होने पर शिक्षा समुदाय को संबोधित करेंगे
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत सुधारों के एक साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 जुलाई को शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में नीति निर्माताओं को वर्चुअल तरीके से संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में देशभर से छात्रों और शिक्षकों के वर्चुअल रूप से शामिल होने की उम्मीद है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री शिक्षा क्षेत्र में कई पहलों का भी शुभारंभ करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा, "प्रधानमंत्री एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट लॉन्च करेंगे जो उच्च शिक्षा में छात्रों को कई प्रवेश और निकास विकल्प प्रदान करेगा। क्षेत्रीय भाषाओं में प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग कार्यक्रम और उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए दिशानिर्देश भी लॉन्च किए जाएंगे।"

शुरू की जाने वाली पहलों में विद्या प्रवेश भी शामिल है, जो ग्रेड 1 के छात्रों के लिए तीन महीने का प्ले-आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल है। माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा- निष्ठा 2.0, एनसीईआरटी द्वारा डिजाइन किए गए शिक्षक प्रशिक्षण के लिए एक एकीकृत कार्यक्रम, सफल (सीखने के स्तर के विश्लेषण के लिए संरचित मूल्यांकन), सीबीएसई स्कूलों में ग्रेड 3, 5 और 8 के लिए एक योग्यता आधारित मूल्यांकन ढांचा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को समर्पित एक वेबसाइट शुरू की जाएगी।

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा वास्तुकला (एनडीईएआर) और राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) को भी लॉन्च किया जाएगा।

पीएमओ ने कहा, "ये पहल एनईपी 2020 के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और शिक्षा क्षेत्र को अधिक जीवंत और सुलभ बनाएगी।"

इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान भी मौजूद रहेंगे।

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित 29 जुलाई, 2020 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भारत की नई शिक्षा प्रणाली के दृष्टिकोण को रेखांकित करती है।

नई नीति शिक्षा पर पिछली राष्ट्रीय नीति, 1986 की जगह लेती है। यह ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में प्रारंभिक शिक्षा से उच्च शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए एक व्यापक ढांचा है।


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