Top
Begin typing your search above and press return to search.

प्रधानमंत्री को महाराष्ट्र के राज्यपाल की टिप्पणी का संज्ञान लेना चाहिए : गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विटर के जरिए कहा कि ‘गवर्नर द्वारा सीएम उद्धव के ऊपर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करना उचित नहीं है

प्रधानमंत्री को महाराष्ट्र के राज्यपाल की टिप्पणी का संज्ञान लेना चाहिए : गहलोत
X

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के बीच मंदिरों को फिर से खोलने को लेकर चल रहे विवाद में शामिल होते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महाराष्ट्र के राज्यपाल की ‘व्यंग्यात्मक’ टिप्पणी का संज्ञान लेना चाहिए।

श्री गहलोत ने आज ट्विटर के जरिए कहा कि ‘गवर्नर द्वारा सीएम उद्धव के ऊपर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करना उचित नहीं है। लोकतंत्र में इस तरह की टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है।’ उन्होंने कहा कि इसके विपरीत महाराष्ट्र के राज्यपाल कोशियारी ने उच्च संवैधानिक कार्यालय की गरिमा को गिराया है। प्रधानमंत्री को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।

उन्होंने मंदिरों को फिर से खोलने के मुद्दे पर राजस्थान का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां मंदिर खोलने के सम्बन्ध में पहले ही दिशा जारी कर दिये गये थे। हमारे यहां धर्म गुरुओं ने समझदारी दिखाते हुए पूजा स्थलों को नहीं खोलने का फैसला किया है।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सभी पूजा स्थलों को फिर से खोलने के संबंध में तल्ख भाषा में पत्र लिखकर कहा है कि एक तरफ राज्य सरकार ने बार, रेस्तरां और समुद्र तट खोलने की अनुमति दे दी है दूसरी ओर हमारे देवी-देवताओं को लॉकडाउन में रहने के लिए दंडित किया गया है।

उन्होंने पत्र में कहा, ‘आप हिंदुत्व के मजबूत समर्थक रहे हैं। फिर उनको मंदिरों को फिर से खोलने के फैसले में बार बार देरी करने के लिए कोई दिव्य चेतावनी मिल रही है या वह अचानक 'धर्मनिरपेक्ष' बन गए हैं, एक ऐसा शब्द जिससे आपको नफरत थी?’

इस पर कठाेर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ठाकरे ने कहा ‘उनके हिंदुत्व को किसी के सर्टिफ़िकेट की जरूरत नहीं है।’ उन्होंने 'धर्मनिरपेक्ष' कहे जाने पर पूछा कि ‘क्या केवल मंदिर खोलना हिंदुत्व है और उन्हें बंद रखना धर्मनिरपेक्षता?’

उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिक ज़िम्मेदारी लोगों के जीवन की रक्षा करना है। यह कहते हुए कि लॉकडाउन को एक बार में उठा लेना नासमझी है। हालांकि उन्होंने राज्यपाल को आश्वासन दिया कि सभी सावधानियां बरतते हुए मंदिरों को फिर से खोलने का निर्णय लिया जाएगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it