अगर छिपाने को कुछ नहीं है तो पीएम जेपीसी का गठन करें : केसीआर
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने रविवार को अडानी समूह के 'घोटाले' की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग की

नांदेड़ (महाराष्ट्र)। तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने रविवार को अडानी समूह के 'घोटाले' की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग की। वह जानना चाहते थे कि केंद्र सरकार जेपीसी के गठन से इनकार क्यों कर रही है, जबकि उसका दावा है कि कुछ भी गलत नहीं हुआ है।
नांदेड़ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को अडानी समूह में 87,000 करोड़ रुपये का निवेश कराया और अब उस पर झूठा बयान देने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
उन्होंने कहा, "देश को गुमराह करने के लिए, एलआईसी पर यह बयान देने के लिए दबाव डाला जा रहा है कि उसे कोई नुकसान नहीं हुआ है।" उन्होंने कहा कि जेपीसी जांच के साथ सच्चाई सामने आ जाएगी।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल संसद में जेपीसी की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध कर रहा हूं। इतना बड़ा घोटाला हुआ है। एक हफ्ते में 10 लाख करोड़ रुपये का सफाया हो गया। यह कोई छोटी राशि नहीं है और पूरी भारतीय बैंकिंग प्रणाली और एलआईसी इसमें शामिल है। यह लोगों का पैसा है, उनका निवेश है। पूरा देश गुस्से में है। इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए और एक जेपीसी का गठन किया जाना चाहिए। अन्यथा, देश आपको दोषी ठहराएगा।"
केसीआर ने कहा, "हर कोई जानता है (गौतम) अडानी आपका दोस्त है। वह आपकी वजह से इस मुकाम पर आया है। क्या फोर्ब्स की अरबपतियों की सूची में नंबर तीन की स्थिति में एक साधारण व्यापारी आएगा? आप इस तथ्य को छिपा नहीं सकते। यदि आपने कोई गलती नहीं की है, तो जेपीसी का गठन करें।"
उन्होंने कोयले के आयात और 'अडानी के प्रति प्रेम' को लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की भी आलोचना की।
बीआरएस नेता ने कहा कि भारत के पास कोयले का पर्याप्त भंडार है जो अगले 120 वर्षो तक चलेगा, लेकिन केंद्र सरकार राज्यों को आयातित कोयले की खरीद के लिए मजबूर कर रही है, जिसकी आपूर्ति केवल अडानी समूह द्वारा की जाती है।
उन्होंने कहा, "केंद्र को अडानी के लिए जिस तरह का प्यार है, उसे देश के लोगों के लिए भी होना चाहिए।"


