पीएम मोदी ने राफेल में अपने मित्र के एजेंट के तौर पर काम किया: रणदीप सुरजेवाला
कांग्रेस ने फ्रांस के एक अखबार में उद्योगपति अनिल अंबानी की एक कंपनी को कर देनदारी में भारी छूट देने संबंधी रिपोर्ट का हवाला देते हुए आज एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा

नयी दिल्ली । कांग्रेस ने फ्रांस के एक अखबार में उद्योगपति अनिल अंबानी की एक कंपनी को कर देनदारी में भारी छूट देने संबंधी रिपोर्ट का हवाला देते हुए आज एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या उन्होंने अपने मित्र ‘एए’ के एजेन्ट के तौर पर काम किया।
LIVE: Press briefing by @rssurjewala, I/C, AICC Communications, on Rafale scam. #RafaleChorChowkidar https://t.co/Xct0lyivu2
— Congress Live (@INCIndiaLive) April 13, 2019
Modi to French govt: I'll scratch your back if you scratch Anil Ambani's#RafaleChorChowkidar pic.twitter.com/IKt6toaYNa
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कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फ्रांस के जाने- माने अखबार ‘ले मोंडे’ में सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि फ्रांस सरकार ने उद्योगपति अनिल अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस अटलांटिक फ्रांस की 143 मिलियन यूरो की कर देनदारी को कम कर केवल 7.6 मिलियन यूरो कर दिया है। उन्होंने कहा कि अखबार ने लिखा है कि यह छूट भारत द्वारा फ्रांस से उडने की हालत में तैयार 36 विमान खरीदने के ऐलान के 6 महीने बाद दी गयी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह छूट राफेल सौदे के एवज में ‘एए’ के एजेन्ट की मदद से दी गयी है।
Here's the truth: PM Modi has been working to save money for Anil Ambani while paying a higher price for the Rafale aircrafts from taxpayers' pockets.#RafaleChorChowkidar pic.twitter.com/dwbNRMXGuu
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उन्होंने कहा कि हमेशा यह पूछा जाता था कि राफेल सौदे में पैसे के लेने-देन की कहीं कोई बात नहीं दिखाई देती। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में पांच तारीखों पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि इससे लेन-देन की बात स्पष्ट हो जाती है। सबसे पहले 23 मार्च 2015 को अनिल अंबानी पेरिस में जाकर वहां के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और रक्षा मंत्री के सलाहकार से मुलाकात करते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के फ्रांस दौरे के ठीक 48 घंटे पहले 8 अप्रैल 2015 को विदेश सचिव सवालों के जवाब में बताते हैं कि प्रधानमंत्री फ्रांस दौरे में किसी विमान सौदे के बारे में कोई बात नहीं करेंगे। उस समय तक भारत का फ्रांस से 126 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा बरकरार था जिसके तहत हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को राफेल बनाने की प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की जानी थी।
As the skeletons of the Rafale deal come tumbling out, India says in one voice - Chowkidar Chor Hai!#RafaleChorChowkidar pic.twitter.com/krGnbWI29i
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सुरजेवाला ने कहा कि लेकिन मोदी 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में 126 राफेल की खरीद के सस्ते सौदे को कूड़े के ढेर में डालकर 36 राफेल विमान की खरीद की घोषणा कर देते हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा हाेलांद 21 सितम्बर 2018 को कहते हैं कि उनकी सरकार के पास इस सौदे से एचएएल को बाहर कर अनिल अंबानी की कंपनी को शामिल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी इस बात को अभी तक नकारा नहीं गया है।


