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ग्रेटर नोएडा में पीएम मोदी आज करेंगे सेमीकॉन इंडिया का शुभारंभ

सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत को पूरी तरीके से आत्मनिर्भर बनाने और अन्य देशों को यहां आकर अपनी फैक्ट्री खोलने और निवेश के लिए प्रेरित करने के लिए सेमीकॉन इंडिया का आयोजन किया जा रहा है

ग्रेटर नोएडा में पीएम मोदी आज करेंगे सेमीकॉन इंडिया का शुभारंभ
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ग्रेटर नोएडा। सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत को पूरी तरीके से आत्मनिर्भर बनाने और अन्य देशों को यहां आकर अपनी फैक्ट्री खोलने और निवेश के लिए प्रेरित करने के लिए सेमीकॉन इंडिया का आयोजन किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इसका उद्घाटन करेंगे। इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। साथ ही 29 देशों से आए प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। ग्रेटर नोएडा के एक्सपो सेंटर में आज से तीन दिन तक सेमीकॉन इंडिया 2024 शुरू होने जा रहा है। इसका शुभारंभ पीएम मोदी करेंगे।

इसका मुख्य उद्देश्य भविष्य में सालाना पांच लाख से ज्यादा रोजगार पैदा करना है। साथ ही सेमीकंडक्टर में देश को आत्मनिर्भर बनाना है। इसका फायदा एमटेक और बीटेक करने वाले स्टूडेंट्स के साथ तकनीकी शिक्षकों को भी होगा। निवेश करने वाली कंपनी में स्टूडेंट़्स को पेड इंटर्नशिप मिलेगी। सालाना 500 से 1000 स्टूडेंट्स को यहां ट्रैंड किया जाएगा।

इसके बाद वे अपना स्टार्टअप भी खोल सकेंगे। सेमीकॉन इंडिया में 29 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 830 स्टॉल लगाए जाएंगे। तीन दिन में 50 हजार से ज्यादा कारोबारी यहां पहुचेंगे। ये कारोबारी भारत और अन्य देशों के होंगे, जिनको प्रदेश की सेमीकंडक्टर पॉलिसी से वाकिफ कराया जाएगा। ताकि देश में बनाए जा रहे सेमीकंडक्टर पार्क में वे निवेश करें और कंपनी खोले।

अभी फिलहाल सेमीकंडक्टर के मामले में भारत दूसरे देशों पर निर्भर है। जिनमें अमेरिका, चीन और ताइवान शामिल हैं। कोरोना काल और बीते समय चीन-ताइवान के बीच बढ़े तनाव के बीच सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में भारत को परेशानी का सामना करना पड़ा था। इसके बाद देश में सेमीकंडक्टर के उत्पादन की कवायद शुरू की जा रही है।

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का पहला सेमीकंडक्टर पार्क विकसित होगा। यमुना विकास प्राधिकरण ने सेमीकंडक्टर बनाने के लिए कई कंपनियों के साथ एमओयू साइन किए है। भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन में काफी पीछे है। अभी यहां सालाना लगभग 2,000 चिप ही डिजाइन किए जाते हैं, जबकि साल 2026 तक यहां सेमीकंडक्टर की खपत 55 बिलियन डॉलर और 2030 तक 110 बिलियन डॉलर से भी अधिक हो जाएगी।

सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए देश में कई चुनौतियां पार करनी हैं। इनमें सप्लाई चेन, कच्चा माल और उपकरण, टेस्टिंग फैसिलिटी और स्किल्ड मैनपावर सबसे अहम है। ऐसे में इसकी क्षमता को बढ़ाकर कई गुना करने का प्लान है। ताकि आत्मनिर्भरता के साथ प्रदेश की इकोनॉमी का लक्ष्य 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सके।


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