पीएम मोदी बताएं कि राफेल में किसको हुआ फायदा : कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति मौजूद नहीं था

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति मौजूद नहीं था इसलिए सरकार के मंत्रियों की बजाय प्रधानमंत्री को खुद इस सौदे से संबंधित तथ्य देश के सामने रखने चाहिए।
LIVE: Press briefing by @KapilSibal, MP, @priyankac19, National Convenor AICC & Spokesperson and @JaiveerShergill,… https://t.co/78zT5tJXCj
— Congress Live (@INCIndiaLive) September 25, 2018
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 10 अप्रैल 2015 को जब राफेल सौदे को लेकर समझौता हुआ था उस वक्त सिर्फ पीएम मोदी और ओलांद ही वहां मौजूद थे और इन दो लोगों को ही मालूम था कि राफेल सौदा तय होना है इसिलए प्रधानमंत्री को ही इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए ।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी की यात्रा से महज 15 दिन पहले राफेल निर्माता दसॉल्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रापियर ने कहा था कि एचएएल के साथ ऑफसेट समझौता 95 फीसदी तक पूरा हो चुका है।
इसी तरह से तत्कालीन विदेश सचिव जय शंकर ने पीएम मोदी की यात्रा से दो दिन पहले बयान दिया कि राफेल इस यात्रा के एजेंडे में नहीं है। इसका मतलब यह हुआ कि इस सौदे से चुनचाप सरकारी क्षेत्र की कंपनी एचएएल को बाहर कर अनिल अम्बानी की कंपनी को फायदा पहुंचाना मकसद था।
उन्होंने कहा कि जब दो ही लोगों को इस सौदे से जुड़ी जानकारी है तो फिर मोदी सरकार के वित्त मंत्री, कृषि मंत्री तथा कानून मंत्री इस बारे में कैसे जवाब दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर, पूर्व रक्षा मंत्री अरुण जेटली या वर्तमान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सौदे पर हस्ताक्षर के समय वहां नहीं थे इसलिए वे जवाब भी नहीं दे सकते हैं।


