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पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा के बाद स्वदेश लौटे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड और यूक्रेन की अपनी दो देशों की यात्रा पूरी करने के बाद शनिवार को स्वदेश लौट आए। पीएम मोदी 21 और 22 अगस्त को पीएम पोलैंड की यात्रा पर थे, जबकि 23 अगस्त को उन्होंने यूक्रेन का दौरा किया। पीएम मोदी का यह दौरा बेहद अहम रहा

पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा के बाद स्वदेश लौटे पीएम मोदी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड और यूक्रेन की अपनी दो देशों की यात्रा पूरी करने के बाद शनिवार को स्वदेश लौट आए। पीएम मोदी 21 और 22 अगस्त को पीएम पोलैंड की यात्रा पर थे, जबकि 23 अगस्त को उन्होंने यूक्रेन का दौरा किया। पीएम मोदी का यह दौरा बेहद अहम रहा।

बता दें कि पोलैंड की यात्रा पर 45 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री गया। इससे पहले 1979 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने पोलैंड की यात्रा की थी। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन की यात्रा भी किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 1991 में रूस से यूक्रेन के अलग होने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है।

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''यूक्रेन की मेरी यात्रा ऐतिहासिक थी। मैं भारत-यूक्रेन मित्रता को और प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से इस महान देश में आया था। राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मेरी बातचीत सार्थक रही। भारत का दृढ़ विश्वास है कि शांति हमेशा बनी रहनी चाहिए। मैं यूक्रेन की सरकार और लोगों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।''

पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ मरियिंस्की पैलेस में द्विपक्षीय वार्ता की। इसके बाद उन्होंने रूस और यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों को बिना समय गंवाए बातचीत शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों जब मैं एक बैठक के लिए रूस गया तो मैंने वहां भी साफ-साफ शब्दों में कहा कि किसी भी समस्या का समाधान कभी भी रणभूमि में नहीं होता। समाधान केवल बातचीत, संवाद और कूटनीति के माध्यम से होता है और हमें बिना समय बर्बाद किए उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने चाहिए। जब आज हम रूबरू मिल रहे हैं, तब मैं यूक्रेन की धरती पर आज बच्चों की शहादत की उस जगह को देखकर आया और मेरा मन भरा हुआ है। मैं आज आप से शांति की ओर आगे बढ़ने के मार्ग पर विशेष रूप से चर्चा करना चाहूंगा। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भारत शांति के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें योगदान दे सकता हूं, तो मैं ऐसा जरूर करना चाहूंगा। एक मित्र के रूप में, मैं आपको इसका विश्वास दिलाता हूं।


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