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पुलिसकर्मियों के त्याग को याद करते हुए भावुक हुए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देश की आजादी के बाद से ड्यूटी पर अपनी जान गंवाने वाले पुलिस कर्मियों के त्याग को याद कर भावुक हो गए

पुलिसकर्मियों के त्याग को याद करते हुए भावुक हुए पीएम मोदी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देश की आजादी के बाद से ड्यूटी पर अपनी जान गंवाने वाले पुलिस कर्मियों के त्याग को याद कर भावुक हो गए। राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (एनपीएम) को समर्पित करते हुए मोदी ने कहा, "आपने देश में असुरक्षा और डर फैलाने का प्रयास करने वाली कई साजिशों का खुलासा किया। यह साजिशें कभी सामने नहीं आ पातीं। इस बहादुरी के लिए आपकी कभी सार्वजनिक तौर पर सराहना नहीं की गई। देश और नागरिकों का प्रत्येक शांति का लम्हा सेवा के प्रति आपकी प्रतिबद्धता का नतीजा है।"

प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मारक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस इस दिन 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में चीनी सैनिकों द्वारा पुलिसकर्मियों की हत्या किए जाने की याद में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय पुलिस स्मारक शांति पथ के उत्तर में चाणक्यपुरी में 6.12 एकड़ जमीन पर बना है। इसे 1947 के बाद से ड्यूटी पर जान गंवाने वाले 34,844 पुलिसकर्मियों की याद में बनाया गया है। इस साल 424 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई है।

मोदी ने कहा कि आज का दिन जम्मू एवं कश्मीर में शांति और सुरक्षा को बरकरार रखने के लिए लड़ रहे प्रत्येक कर्मी को याद करने का क्षण है।

उन्होंने देश के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा मुहैया करा रहे पुलिसकर्मियों की सराहना की और कहा, "आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और शांति स्थापित करने की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अगर नक्सल समस्या कम हो रही है, अगर इन इलाकों के लोग मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं तो यह आपके महान प्रयासों के कारण है।"

उन्होंने कहा, "अब हम पूर्वोत्तर में शांति के रूप में आपके साहस और त्याग को महसूस कर रहे हैं। देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में आपकी महान भूमिका है।"

मोदी ने कहा कि यह आपदा जैसे हालात में मदद मुहैया कराने वाले लोगों को भी याद करने का क्षण है, जिनकी सेवाओं की ज्यादा चर्चा नहीं की जाती।

मोदी ने भावुक होते हुए कहा, "आपदा के हालात में आप राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के कर्मियों को देखते हैं लेकिन कोई भी खाकी पहने हमारे पुलिसकर्मी को नहीं पहचानता है।"

एक क्षण थमने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, "देश आपके साहस, सेवा और त्याग को कभी नहीं भूलेगा। लोगों को ये पता नहीं होता कि इमारत गिरने पर, नाव हादसा होने पर, बाढ़ प्रभावित इलाकों में कमान संभालने वाले ये लोग कौन हैं। मैं इन पुलिस कर्मियों को बधाई देता हूं।"


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