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पीएम मोदी का नाम ही ऐसा है, जिसे बार बार लेने का जी करता है: शिवराज

 मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विधानसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम ही ऐसा है, जिसे बार बार लेने का जी करता है

पीएम मोदी का नाम ही ऐसा है, जिसे बार बार लेने का जी करता है: शिवराज
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विधानसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम ही ऐसा है, जिसे बार बार लेने का जी करता है।

शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश किए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर दो दिनों तक चली चर्चा का आज सदन में उत्तर देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में लगभग 01 घंटे 45 मिनट तक अपनी बात रखी। हालाकि कमलनाथ ने भी अनेक बार उन्हें या उनकी पूर्ववर्ती सरकार को लक्ष्य कर की गयीं बातों का तत्काल जवाब देने का प्रयास भी किया। इस दौरान विपक्षी दल के सदस्यों की ओर से बार बार टोकाटाकी की गयी और इस बात को लेकर सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के सदस्यों के बीच नोंकझोंक की स्थिति बनी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने उत्तर की शुरूआत में कहा कि श्री कमलनाथ ने चर्चा में शामिल होते हुए जानना चाहा था कि अभिभाषण में प्रधानमंत्री का नाम बार बार लाने की क्या आवश्यकता थी। शिवराज सिंह ने कहा कि वे बताना चाहते हैं 'मोदी नाम ही ऐसा है कि बार बार लेने को जी करता है।' उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। खासतौर से कोरोना संकटकाल में उन्होंने देश को नेतृत्व देकर जिस तरह से संकट से निकाला और वैक्सीन विकसित करवाकर देश विदेश में मुहैया करवाए, यह कदम अभूतपूर्व है। इस वजह से भारत का पूरी दुनिया में मान और बढ़ा है।

शिवराज ने विपक्ष के सदस्यों को सलाह देते हुए कहा कि वैसे भी प्रधानमंत्री किसी दल का नहीं, पूरे देश का होता है। मुख्यमंत्री ने एक वाक्या सुनाते हुए कहा कि एक बार वे अमरीका की यात्रा पर थे और वहां की प्रेस ने उनसे तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उपलब्धियों को लेकर सवाल किया था। उस समय उन्होंने (श्री चौहान ने) श्री मनमोहन सिंह की उपलब्धियों की सराहना की थी। क्योंकि प्रधानमंत्री किसी दल का नहीं, पूरे देश का होता है।

शिवराज सिंह चौहान ने अपने जवाब के दौरान चर्चा में शामिल होने वाले कमलनाथ समेत लगभग दो दर्जन सदस्यों की ओर से उठायी गयीं बातों का क्रमवार उत्तर देने का प्रयास किया। साथ ही उन्होंने कहा कि 'आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश' की परिकल्पना को साकार करना उनका लक्ष्य है और इसमें सभी विधायकों और नागरिकों के सहयोग की भी आवश्यकता है। उन्होंने सभी से सहयोग देने का आह्वान किया।

शिवराज सिंह चौहान के उत्तर के बाद ध्वनिमत के जरिए धन्यवाद प्रस्ताव स्वीकृत और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिए गए। इसके तत्काल बाद अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही अपरान्ह चार बजे तक स्थगित कर दी।
सोमवार को बजट सत्र की शुरूआत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से हुयी थी। इस पर धन्यवाद प्रस्ताव वरिष्ठ विधायक डॉ सीतासरन शर्मा की ओर से पेश किया गया था और विपक्ष की ओर से संशोधन लाए गए थे। तय समय के अनुरूप प्रस्ताव और संशोधनों पर बुधवार और गुरुवार को चर्चा हुयी और अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष के समय की अनुकूलता के मद्देनजर मुख्यमंत्री के जवाब के लिए आज शुक्रवार का दिन निर्धारित किया था, जिससे श्री कमलनाथ भी उत्तर के दौरान मौजूद रह सकें।


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