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पीएम मोदी ने की सरकार की मेट्रो पॉलिसी की चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में शहरों के हिसाब से अलग-अलग तरह की मेट्रो सेवाओं को शुरू करने पर जोर दिया है

पीएम मोदी ने की सरकार की मेट्रो पॉलिसी की चर्चा
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में शहरों के हिसाब से अलग-अलग तरह की मेट्रो सेवाओं को शुरू करने पर जोर दिया है। यहां दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर सोमवार को पहली बिना ड्राइवर की मेट्रो रेल का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेट्रो का विस्तार, ट्रांसपोर्ट के आधुनिक तौर-तरीकों का इस्तेमाल शहर के लोगों की जरुरतों और वहां की प्रोफेशनल लाइफस्टाइल के हिसाब से ही होना चाहिए। यही वजह है कि अलग-अलग शहरो में अलग अलग तरह की मेट्रो रेल पर काम हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कई तरह के शहरों के लिए अलग-अलग तरह के मेट्रो की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने आरआरटीएस सेवा का उल्लेख करते हुए कहा कि दिल्ली और मेरठ की दूरी को घटाकर यह एक घंटे से भी कम कर देगा। इसी तरह से जिन शहरों में यात्री कम हैं, वहां मेट्रोलाइट सेवा भी शुरू करने की तैयारी है। ये सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जिन शहरों में सवारियां और भी कम है वहां पर मेट्रो नियो पर काम हो रहा है। ये सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है। इसी तरह है वॉटर मेट्रो- ये भी आउट ऑफ द बॉक्स सोच का उदाहरण है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए, मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है, और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है। रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ रह गयी है। आज चार बड़ी कंपनियां देश में ही मेट्रो कोच का निर्माण कर रही हैं। दर्जनों कंपनिया मेट्रो कंपोनेंट्स के निर्माण में जुटी हैं। इससे मेक इन इंडिया के साथ ही, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मदद मिल रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में मेट्रो सेवाओं के विस्तार के पीछे सरकार की मेट्रो पॉलिसी की चर्चा की। उन्होंने कहा, हमने मेट्रो पॉलिसी चौतरफा रणनीति के साथ लागू भी किया। हमने जोर दिया स्थानीय मांग के हिसाब से काम करने पर, हमने जोर दिया स्थानीय मानकों को बढ़ावा देने पर, हमने मेक इन इंडिया के विस्तार और आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर दिया।


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