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 पीएम मोदी ने सिब्बल से दूरी बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी बधाई

नरेन्द्र मोदी ने रामजन्मभूमि विवाद मामले की सुनवाई को अगले लोकसभा चुनाव के बाद तक टालने के वकील और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बयान से दूरी बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड की आज सराहना की

 पीएम मोदी ने सिब्बल से दूरी बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी बधाई
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दाहेाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामजन्मभूमि विवाद मामले की सुनवाई को अगले लोकसभा चुनाव के बाद तक टालने के वकील और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बयान से दूरी बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड की आज सराहना की और इसे इसके लिए बधाई दी।

मोदी ने आज दाहोद की एक चुनावी सभा में कहा कि सिब्बल वक्फ बोर्ड के वकील है इसके बावजूद बोर्ड ने उनके बयान से दूरी बनायी है। उसने आज कहा कि उनके वकील होने के बावजूद सिब्बल की अदालत में दी गयी दलील गलत है। बोर्ड भी चाहता है कि इसकी सुनवाई तेजी से हो। बोर्ड का यह बयान बधाई योग्य और देश की एकता को बढ़ाने वाला है।

सिब्बल राम मंदिर और चुनाव को किस लिए जोड़ रहे हैं। ऐसे समय में जब सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड तथा अन्य मामले का समाधान करने के लिए रास्ते निकाल रहे हैं कांग्रेस और सिब्बल को हवन में हड्डी डालने जैसी बाधाएं बंद करनी चाहिए।
इससे पहले धंधुका की चुनावी सभा में उन्होंने सुनवाई को टालने की सिब्बल की दलील पर कड़ा एतराज जताया था। उन्होंने कहा कि चुनावी लाभ के लिए महत्वपूर्ण मामलों को लटकाये रखने वाली कांग्रेस इसे सिब्बल का निजी विचार क्यों बता रही है।

भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले तीन तलाक के मुद्दे पर अदालत में अपना पक्ष दृढता से रखा जबकि लोग यह समझ रहे थे राज्य मे बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाता होने के चलते उनकी सरकार चुनावी नुकसान की आशंका से ऐसा नहीं करेगी। पर पार्टी ने इसकी परवाह नहीं की। राजीव गांधी के समय से ही लटके इस मामले का निराकरण करोड़ो मुस्लिम बहनों की तकलीफों को ध्यान में रख कर किया गया। अब ऐसा करने वाले को कड़ी सजा वाले कानून की पहल भी की जा रही है।

उन्होंने कहा कि झूठे चुनावी दावे करने वाले कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नों को ऐसे ही लटकाये रखने का काम किया है और देश की दुर्दशा की है। सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम समाज के लिए वकालत करें, बाबरी मस्जिद के पक्ष में वकालत करें और दलीलें पेश करें तो यह उनका अधिकार है। पर सुनवाई को या राममंदिर को लोकसभा चुनाव से जोड़ने का क्या तुक है। इसका हक उन्हें किसने दिया है।

कांग्रेस कहती है कि यह उनका निजी विचार है तो वह यह बताये कि क्या चुनाव वक्फ बोर्ड लडता है कि कांग्रेस लड़ती है। कांग्रेस को राजनीतिक लाभ देखना है कि देश का भला देखना है। चुनाव के नाम पर महत्वपूर्ण मुद्दों को लटकाने की प्रवृत्ति के चलते ही वह देश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने के पक्ष में हैं। इससे समय और पैसे दोनो की बचत होगी।

ज्ञातव्य है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य और बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने सिब्बल के बयान को गलत करार देते हुए कहा है कि सिब्बल उनके वकील हैं, लेकिन वह एक राजनीतिक दल से भी जुड़े हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में दिया गया उनका बयान गलत है। वह इस मसले का जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं।


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