शंघाई शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी अस्ताना पहुंचे
एससीओ बैठक में हिस्सा लेने के लिये कजाखस्तान की दो दिवसीय यात्रा पर आज यहां पहुंचे, शिखर बैठक में भारत को इस क्षेत्रीय संगठन के पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किये जाने की अौपचारिकता पूरी की जाएगी
अस्ताना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शंघाई शिखर सहयोग (एससीओ) बैठक में हिस्सा लेने के लिये कजाखस्तान की दो दिवसीय यात्रा पर आज यहां पहुंचे, शिखर बैठक में भारत को इस क्षेत्रीय संगठन के पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किये जाने की अौपचारिकता पूरी की जाएगी।
मोदी ने ट्वीट करके कहा कि बैठक के दौरान प्रक्रिया पूरी भारत एससीओ का पूर्ण सदस्य बन जायेगा और उसके शामिल होने के बाद एससीओ में विश्व की कुल आबादी का 40 प्रतिशत प्रतिनिधित्व हो जाएगा । साथ ही भारत को सदस्य देशों के साथ आर्थिक, परस्पर संपर्क और आतंकवाद के खिलाफ अभियान के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी।
उन्हाेंने यह भी कहा कि एससीओ के सदस्य देशों के साथ भारत के दीर्घकालिक संबंध रहे हैं। ऐसे में इसमें शामिल होना भारत के लिए हर लिहाज से फायदेमंद होगा। सब मिलकर अपनी पूरी क्षमता के साथ साझा हितों की रक्षा और साझा चुनौतियों से निबटने में परस्पर सहयोग को बढ़ा सकेंगे।
प्रधानमंत्री नौ जून को अस्ताना में ‘भविष्य की ऊर्जा’ विषय पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी करेंगे। शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना वर्ष 2001 में हुई थी। भारत 2005 से इस संगठन का पर्यवेक्षक देश रहा है और उसने 2014 में पूर्ण सदस्यता के लिए आवेदन किया था। इस संगठन के छह सदस्य हैं- चीन, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान।
संगठन के गठन के बाद से पहली बार ऐसा हो रहा हेै जब भारत को शामिल करने के लिए इसकी सदस्यता का विस्तार किया जा रहा है। एसओसी की सदस्यता ग्रहण करने के लिए भारत सदस्यता शर्तों और जवाबदेही वाले 38 बिदुुुंओं के एक चार्टर पर हस्ताक्षर कर चुका है। अस्ताना में शिखर बैठक के मौके पर प्रधानमंत्री की चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग के साथ नौ जून को अलग से एक द्विपक्षीय बैठक हो सकती है।
यह बैठक ऐसे समय होने जा रही है, जब परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत को शामिल किए जाने का चीन कड़ा विरोध कर रहा है। बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ भी पहुंच रहे हैं । हालांकि श्री मोदी का उनके साथ किसी तरह की वार्ता का फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं है। कजाखस्तान में भारत के राजदूत हर्ष कुमार जैन के अनुसार इस संगठन में पूर्ण सदस्य के रूप में भारत को शामिल किये जाने से जुड़े सभी कार्य पूरे कर लिये गए हैं।


