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कर्नाटक में काम नहीं आया पीएम का दांव, तारीफ से नहीं पिघले देवगौड़ा

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अब 10 दिन बचे हैं। ऐसे में नेता राजनीतिक समीकरण साधने में जुटे हैं। 

कर्नाटक में काम नहीं आया पीएम का दांव, तारीफ से नहीं पिघले देवगौड़ा
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नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अब 10 दिन बचे हैं। ऐसे में नेता राजनीतिक समीकरण साधने में जुटे हैं।

ओपिनियन पोल सामने आने के बाद बीजेपी भी इसी जुगाड़ में लगी है कि किसी तरह से जेडीएस को अपने पाले में कर कांग्रेस के गढ़ में कमल खिलाया जाए।

पीएम मोदी भी जेडीएस के प्रमुख देवेगौड़ा को रिझाने में लगे हैं, लेकिन वो भी पिघलने को तैयार नहीं है। देवेगौड़ा ने साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ हम कभी नहीं जाएंगे।

कर्नाटक चुनाव को लेकर जबसे ओपिनियन पोल सामने आए हैं और आंकड़ों के मुताबिक ये कहा गया है कि कांग्रेस और बीजेपी में से किसी को बहुमत नहीं मिलेगा।

जेडीएस किंग मेकर की भूमिका निभाएगी तब से बीजेपी के दिल की धड़कने बढ़ गई हैं और वो जेडीएस पर डोरे डालने में जुट गई है, लेकिन जनता दल सेक्यूलर के प्रमुख एचडी देवेगौड़ा ने साफ कर दिया कि हम बीजेपी के साथ कभी गठबंधन नहीं करेंगे चाहे नीतीजें जो रहें।

इस बयान ने बीजेपी की परेशानी को और बढ़ा दिया यहां तक कि पीएम मोदी के माथे पर शिकन आ गई, इसीलिए कर्नाटक में अपनी पहली रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस को कोसने के साथ-साथ जेडीएस को मानने के लिए उसकी तारीफों में पुल बांधे।

पीएम ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने दिल्ली में जब भी वक्त मांगा, मैं उनसे मिला. देवगौड़ा जब घर आते हैं तो मैं उनकी गाड़ी का दरवाजा खोलकर उनका स्वागत करता हूं. जब वे जाते हैं तो मैं उनको गाड़ी में बैठा कर आता हूं, वो हमारे राजनीतिक विरोधी हैं, लेकिन वो हमारे सम्मानीय नेताओं में से एक हैं।

इस मानमनोव्वल के बाद भी देवेगौड़ा का दिल नहीं पिघला और उन्होंने एक बार फिर बीजेपी को जोरदार झटका देते हुए साफ कर दिया कि हम बीजेपी के साथ जाने को कतई राजी नहीं होंगे, हालांकि देवेगौड़ा ने भी अपनी तारीफ के बदले में पीएम की तारीफ जरुर कर दी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी किसी राज्य में जाते हैं, तो वहां के मुद्दों को समझते हैं और उसके बारे में बात करते हैं। यहां भी उन्होंने ऐसा ही किया है तो, देवेगौड़ा ने साथ देने का वादा तो नहीं किया,जबकि पीएम मोदी ने उम्मीद लगाई थी कि तारीफ सुनने के बाद देवेगौडा राजी होंगे,लेकिन उन्होंने तो पीएम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इस झटके के बाद तो अब जनता के हाथ में ही बीजेपी की किस्मत का फैसला है।


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