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प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में दी गलत जानकारी : कांग्रेस

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने सम्बोधन में महामारी जैसे संवेनशील विषय पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में दी गलत जानकारी : कांग्रेस
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने सम्बोधन में महामारी जैसे संवेनशील विषय पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने शुक्रवार को कहा, "राष्ट्र के नाम संबोधन में कोरोना टीकाकरण पर भारत की उपलब्धि को लेकर चर्चा की। इस दौरान पीएम ने कुछ ऐसे तथ्य रखे जो आधे-अधूरे थे और गलत भी थे। इनसे वैज्ञानिक समुदाय के लोगों में भ्रम फैल सकता है। मुझे लगता है कि यह भारत के वैज्ञानिकों, औषधि उद्योग, चिकित्सकों, नर्सों, कोरोना योद्धओं का अपमान है। सच्चाई यह है कि भारत पहले से ही टीकों के उत्पादन का बहुत बड़ा केंद्र है। हमारे यहां कहावत है कि नीम-हकीम खतरा-ए-जान।"

कांग्रेस वल्लभ ने कहा, "1960 के दशक में ही टीबी के नियंत्रण का कार्यक्रम देशभर में आरंभ किया गया था। 1985 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने एक साथ छह बीमारियों के लिए टीकाकरण आरंभ किया, लेकिन राजीव गांधी या किसी अन्य नेता ने कहीं भी इस अपना फोटो लगाकर विज्ञापन नहीं किया। 2011 में देश मे टीकाकरण नीति बनाई गई।"

गौरव वल्लभ ने कहा, " प्रधानमंत्री मोदी टीकाकरण पर इस तरह से देश में गलत जानकारी दे रहे हैं। पीएम मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत दुनिया का पहला देश बना जहां टीकों की 100 करोड़ खुराक दी गई हैं। जबकि 16 सितंबर, 2021 तक चीन में 200 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।"

उन्होंने पीएम मोदी से सवाल किया कि देश की 50 फीसदी आबादी को अब तक कोविड का एक भी टीका नहीं लगा और सरकार की इस तरह की अक्षमता के कारण लाखों लोगों की जान चली गई तो फिर किस बात का जश्न मनाया जा रहा है?

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, "जब पूरी दुनिया 2021 के मई-जून-जुलाई-सितंबर के माह में अपनी आबादी का टीकाकरण करा रही थी तो हमारे देश में थाली-ताली बजाई जा रही थी.. हम वैक्सीन विदेश भेज रहे थे। यही वजह है कि देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर आई। जिसकी वजह से हजारों लोग देश में मारे गए। केंद्र की मोदी सरकार को देश की जनता से आज उन परिवारों से माफी मांगनी चाहिए जिन परिवारों ने अपने मां, बाप, बहन, भाई को खोया। श्मशान में जगह न होने की वजह से गंगा में लाशों को प्रवाहित करने पड़ा। आज वो जश्न कैसे मना सकते हैं? आज तो उनसे माफी मांगने का दिन है।"


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