प्रधानमंत्री ने 'सभी के लिए आवास', बुनियादी ढांचा नीतियों को विकास के नए मानक बताया
बुनियादी ढांचा क्षेत्र में चार साल पहले राजग द्वारा शुरू की गई नीतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि सरकार ने विकास का एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है

नई दिल्ली। बुनियादी ढांचा क्षेत्र में चार साल पहले राजग द्वारा शुरू की गई नीतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि सरकार ने विकास का एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है और 'सभी के लिए घर के सपने को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।' मोदी ने ट्वीट किया, "चार साल पहले आज ही हमने भारत के शहरी परिदृश्य में बदलाव के मकसद से पीएम आवास योजना, एएमआरयूटी, स्मार्ट सिटी की महत्वपूर्ण पहल शुरू की थी।"
Four years ago, today we started important initiatives PM Awas Yojana (U), AMRUT, Smart Cities with the aim of #TransformingUrbanLandscape in India.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2019
These initiatives have not only helped usher in a new paradigm of urban development but have also transformed crores of lives.
ट्वीट में उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे की पहल से न सिर्फ शहरी विकास का नया उदाहरण पेश किया गया है 'बल्कि करोड़ों लोगों के जीवन को भी बदल दिया गया है।'
विस्तार से बताते हुए से उन्होंने कहा, "इन पहलों में रिकॉर्ड निवेश, रफ्तार, प्रौद्योगिकी का उपयोग और सार्वजनिक भागीदारी देखी गई है।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शहरी बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाने के लिए सरकार का इसे और आगे ले जाने का रवैया है और इस लक्ष्य का पीछा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी, 'जो करोड़ों आकांक्षाओं को पंख देगा।'
दूसरी ओर, भाजपा ने कहा कि 2015-19 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परियोजनाओं में निर्माण क्षेत्र के लिए कुल 4.83 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया।
पार्टी ने ट्वीट किया कि केंद्र ने 1.26 लाख करोड़ रुपये की सहायता स्वीकृत की।
योजना के तहत 26 लाख घरों को पूरा किया गया, 81 लाख को निर्माण के लिए मंजूरी दी गई और नई तकनीक का इस्तेमाल कर 13 लाख घरों का निर्माण हो रहा है। भाजपा ने कहा कि पीएम आवास योजना ने अपनी पूर्ववर्ती जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन पर भारी सफलता दर्ज की है।
भाजपा ने कहा कि स्मार्ट शहरों के पहल के तहत सरकार ने 72 शहरों में नागरिक अनुकूल बुनियादी ढांचों को बढ़ावा दिया है। इसमें 72 शहरों में 897 परियोजनाएं हैं। इसके अलावा 95 शहरों में 1,896 परियोजनाएं क्रियान्वयन के तहत हैं।


