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ग्रेनो अथॉरिटी के आवासीय योजना में 3 गुना दाम पर बिके भूखंड

30 मार्च को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की तरफ से किया गया ईऑक्शन खत्म हुआ

ग्रेनो अथॉरिटी के आवासीय योजना में 3 गुना दाम पर बिके भूखंड
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ग्रेटर नोएडा। 30 मार्च को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की तरफ से किया गया ईऑक्शन खत्म हुआ। इस ई ऑक्शन में ग्रेनो अथॉरिटी के 166 भूखंडों की नीलामी हुई। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने अपने इन भूखंडों के लिए जो रिजर्व प्राइस रखा था उससे 3 गुना दाम पर इन भूखंडों की बोली लगी है।

166 भूखंडों की कीमत रिजर्व प्राइस से लगभग 153 करोड़ हो रही है, लेकिन नीलामी होने से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लगभग 415 करोड़ रुपए मिलेंगे। 3 दिन तक इन भूखंडों की नीलामी ई ऑक्शन के जरिए हो रही थी। इसी कड़ी में अंतिम दिन 39 भूखंडों का ऑनलाइन ऑक्शन गुरुवार को हुआ।

रिजर्व प्राइस से इन भूखंडों की कीमत लगभग 53.64 करोड़ रुपए थी, लेकिन ऑनलाइन ऑक्शन से ये भूखंड लगभग 132 करोड़ रुपए में बिके हैं।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर संपत्ति विभाग ने बीते 20 जनवरी को 166 आवासीय भूखंडों की योजना लॉन्च की थी। इसमें 162 वर्ग मीटर से लेकर 738 वर्ग मीटर एरिया तक के भूखंड शामिल किए गए। ये भूखंड ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 2, सेक्टर चाई थ्री, फाई थ्री, डेल्टा टू, डेल्टा थ्री, सिग्मा 2, सिग्मा वन में स्थित हैं।

बीते रविवार से इन भूखंडों का एसबीआई पोर्टल के जरिए ऑनलाइन ऑक्शन हो रहा है। बृहस्पतिवार को ऑनलाइन नीलामी का आखिरी दिन था। आखिरी दिन के ऑक्शन में 220 वर्ग मीटर से लेकर 738 वर्ग मीटर एरिया तक के भूखंड शामिल किए गए। सेक्टर दो स्थित 220 वर्ग मीटर का एक भूखंड निर्धारित रिजर्व प्राइस से लगभग 162 फीसदी अधिक दर पर बिका है। इस भूखंड की रिजर्व प्राइस 87.12 लाख रुपए तय की गई थी, लेकिन यह भूखंड लगभग 1.41 करोड़ रुपए में बिका है।

रिजर्व प्राइस से 162 फीसदी अधिक दर पर बिका है। उन्होंने बताया कि इन सभी 39 भूखंडों की रिजर्व प्राइस के हिसाब से 53.64 करोड़ रुपए थी, लेकिन ये सभी भूखंड रिजर्व प्राइस से अधिक कीमत पर बिके, जिसके चलते अब प्राधिकरण को लगभग 132 करोड़ रुपए की प्राप्ति होगी। आवंटन की प्रक्रिया पूरी होते ही आवंटियों को पजेशन भी दे दिया जाएगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आनंद वर्धन ने बताया कि ग्रेटर नोएडा को काफी प्लानिंग के तहत बसाया गया है। इसीलिए यहां पर अच्छी और चौड़ी सड़कें काफी ज्यादा ग्रीनरी और काफी साफ-सफाई भी है। हर चीज के लिए अलग-अलग जगहों पर मार्केट और स्थान बने हुए हैं। इसीलिए गौतम बुध नगर में अभी लोगों की पहली पसंद ग्रेटर नोएडा ही है।

आनंद वर्धन ने बताया कि बृहस्पतिवार को ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही अब सभी 166 भूखंडों की ऑनलाइन नीलामी संपन्न हो गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा है कि ग्रेटर नोएडा में आशियाना चाहने वालों ने जिस तरह से आवासीय भूखंडों के लिए ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, वह एनसीआर के सबसे हरे-भरे शहर ग्रेटर नोएडा के लिए अपने आप में उपलब्धि है। सभी सफल आवंटियों को आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर शीघ्र पजेशन दे दिया जाएगा।

ग्रेटर नोएडा को इस प्लानिंग के तहत बताया गया था कि वहां पर रहने वालों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में किसी तरीके की कोई दिक्कत ना हो इसीलिए नोएडा - ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे का निर्माण भी कराया गया था। जिसके चलते लोग जाम के झाम से बचते हुए नजर आते हैं। सबसे बड़ी बात है कि इस एक्सप्रेस वे के साथ दोनों तरफ सर्विस लेन दी गई है।

इसके साथ ही साथ ग्रेटर नोएडा से सीधे आगरा मथुरा के लिए एक्सप्रेसवे लगा हुआ है। इस एक्सप्रेसवे को आगरा से लखनऊ वाली एक्सप्रेस वे में भी सीधे जोड़ दिया गया है जिसके चलते लोगों को कोई दिक्कत नहीं होती है। साथ ही साथ ग्रेटर नोएडा से हरियाणा की तरफ भी अगर सफर करना है तो ईस्टर्न पेरीफेरल सबसे उम्दा विकल्प लोगों के सामने है।

आने वाले समय में ग्रेटर नोएडा को फरीदाबाद और गुड़गांव से भी सीधे जोड़ने के लिए एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेजी से चल रहा है। ग्रेटर नोएडा से दिल्ली तक लोगों की कनेक्टिविटी को देखते हुए मेट्रो पहले ही चल रही है। इसके साथ साथ भविष्य में पॉड टैक्सी और मेट्रो की सीधी लाइन दिल्ली एयरपोर्ट से भी कनेक्ट करने की कवायद जारी है।

टाउन प्लानर अभिनव सिंह चौहान ने बताया कि 3 गुना बोली पर बिक रहे इन भूखंडों के लिए सबसे बड़ी वजह ग्रेटर नोएडा के पास बन रहा जेवर एयरपोर्ट और इसकी बेहतरीन कनेक्टिविटी है। साथ ही कनेक्टिविटी के अन्य नए विकल्प भी वहां पर बन रहे हैं।

उन्होंने बताया कि आने वाले समय में ग्रेटर नोएडा से दिल्ली और सीधे फरीदाबाद, गुरुग्राम तक कनेक्टिविटी लोगों को मिल जाएगी। इसीलिए लोग एक वल्र्ड क्लास सिटी में हर कीमत में अपना एक घर और भविष्य देखना चाहते हैं।

जब ग्रेटर नोएडा को बसाया गया था तो उसकी बसावट के साथ-साथ उसकी कनेक्टिविटी साफ-सफाई और जाम आदि से उसे मुक्ति दिलाते हुए बहुत ही तरीके से उसके प्लानिंग की गई थी और उसी प्लानिंग का नतीजा है कि अब उसके प्लॉट इतने ज्यादा महंगी कीमत पर बिक रहे हैं।


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