थाली बजाओ, सरकार जगाओ, रजिस्ट्री कराओ, घर दिलवाओ
ग्रेटर नोएडा वेस्ट का एकमूर्ति चैराहा घर खघ्रीदारों की इंसाफ की लड़ाई का केंद्र बन गया है। गौतम बुद्ध की मूर्ति के नीचे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखी

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट का एकमूर्ति चैराहा घर खघ्रीदारों की इंसाफ की लड़ाई का केंद्र बन गया है। गौतम बुद्ध की मूर्ति के नीचे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखी।
घर खघ्रीदारों का कहना है कि 28 हफ्ते के विरोध प्रदर्शन की वजह से ही रजिस्ट्री और लोगों को घर देने के मुद्दे पर सरकार और प्राधिकरण सक्रिय दिख रही है। लेकिन जब तक रजिस्ट्री शुरु नहीं हो जाती और घरों के रुके काम शुरु नहीं होते प्रदर्शन जारी रहेगा। नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि इतनी कड़ी धूप के बावजूद जिस बड़ी संख्या में लोक जुटे हैं वो बताने के लिए काफी है कि अपने अधिकारों को लिए बिना अब पीछे नहीं हटेंगे।
उन्होंने कहा कि लगातार इतना लंबा आंदोलन आज तक कभी घर खघ्रीदारों ने नहीं किया था। लेकिन ये आंदोलन ठंड, बारिश, गर्मी सभी मौसम में रजिस्ट्री और घरों की मांग को लेकर जारी है।
आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे दीपांकर कुमार, श्वेता भारती, राजकुमार, चंदन सिन्हा, महेश यादव, रंजना भारद्वाज, रोहित मिश्रा, ज्योति जायसवाल का कहना है कि कई सालों से वो रजिस्ट्री नहीं होने की वजह से परेशानी का सामना कर रहे हैं। इसका हल निकलना बहुत जरूरी है।
सरकार ने वादा किया था चुनावों के वक्त लेकिन अभी तक वादा पूरा नहीं हुआ है। उनका ये भी कहना है कि घर खघ्रीदार एक मंच पर जुटे हुए हैं और ये बहुत बड़ी बात है। अब अपना अधिकार लिए बिना वापसी का सवाल ही नहीं उठता है।
आंदोलन में शामिल रहे राहुल राज यादव, समीर भारद्वाज, अनिल रात्रा, शशि भूषण, पुरुषोत्तम कुमार, अशोक श्रीवास्तव, शेर सिंह, निलेश कुमार, विकास जोशी, राजकुमार वर्मा, एसपी गुप्ता, योगेश, निलेश कुमार, मृत्युंजय, दिनकर, शशांक का कहना है कि सभी घर खघ्रीदार समझ चुके हैं कि अब एकजुट रहने से ही जीत मिलेगी। उनका कहना है कि आज जिस तरह कई सोसायटियां एक मंच पर जुटी हैं और घर खघ्रीदार साथ आए हैं वो अब भविष्य में भी एक साथ जुड़े रहेंगे और संघर्ष जारी रखेंगे। विरोध प्रदर्शन में इको विलेज 1, इको विलेज 2, इको विलेज 3, संस्कृति, कासा ग्रीन्स 1, अजनारा होम्स,आर सिटी रेजेंसी, एक्वा गार्डन, रक्षा अडेला, ऐपेक्स गोल्फ एवेन्यू, ऐश्वरयम सहित कई सोसायटियों के निवासी शामिल हुए।


