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दिल्ली में वाणिज्यिक वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बदलने की योजना

'स्विच दिल्ली' अभियान के सातवें सप्ताह में वाणिज्यिक वाहन मालिकों को बिजली वाहनों के प्रति जागरूक किया जाएगा

दिल्ली में वाणिज्यिक वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बदलने की योजना
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नई दिल्ली। 'स्विच दिल्ली' अभियान के सातवें सप्ताह में वाणिज्यिक वाहन मालिकों को बिजली वाहनों के प्रति जागरूक किया जाएगा। दिल्ली की सड़कों पर कमर्शियल वाहन बड़ी संख्या में चलते हैं और वाहन प्रदूषण का कारण बनते हैं। ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी में वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक दुपहिया-तिपहिया वाहन, कैब, मालवाहक वाहनों की खरीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि ईवी नीति के तहत डीजल-पेट्रोल के वाणिज्यिक वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बदलने के लिए दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं। वाणिज्यिक वाहनों को बिजली से चलने वाले वाहनों में तबदील करने के लिए दिल्ली सरकार पूरे भारत में सबसे बेहतर ढांचा प्रदान कर रही है।

गहलोत ने कहा कि वाणिज्यिक कंपनियां जिन वाहनों का इस्तेमाल करती हैं, ऐसे इलेक्ट्रिक वाहनों पर दिल्ली सरकार सबसे आसान वित्तीय प्रोत्साहन दे रही है। दिल्ली ईवी नीति के तहत सभी श्रेणियों के दुपहिया, तिपहिया, चौपहिया माल वाहन, माल वाहक, इलेक्ट्रिक रिक्शा, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, इलेक्ट्रिक-कार वित्तीय प्रोत्साहन लेने के योग्य हैं।

मंत्री ने कहा कि वाणिज्यक वाहनों के मालिक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदकर न केवल राष्ट्रीय राजधानी में बेहतर हवा सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाएंगे, बल्कि सालाना पैसे की बचत भी कर पाएंगे। दुपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक में शिफ्ट करने से मालिक को सालाना 22 हजार रुपये की बचत होगी।

दिल्ली को भारत की ईवी राजधानी बनाने के मुख्यमंत्री के लक्ष्य का समर्थन करने के लिए कई कमर्शियल वाहन कंपनियां उत्सुक हैं। लेकिन धन के अभाव में डीजल-पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने में दिक्कतों का सामना कर रहे थे। मंत्री गहलोत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली वित्त निगम (डीएफसी) के माध्यम से दी जाने वाली ब्याज दर को घटाकर 5 प्रतिशत कर महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

इस योजना की जल्द घोषणा की जाएगी। इस योजना का सभी प्रकार के वाहनों द्वारा लाभ उठाया जा सकता है। इस फैसले से वाणिज्यिक कंपनियों के लिए वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए आर्थिक व्यवस्था आसानी से हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर कमर्शियल वाहन बड़ी संख्या में हैं। इनको इलेक्ट्रिक वाहनों पर शिफ्ट कर राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

इस समय भीड़भाड़ से बचने के लिए पीक आवर्स के दौरान दिल्ली की सड़कों पर माल वाहक वाहनों पर प्रतिबंध है।

गहलोत ने कहा, "दिल्ली सरकार ने ईवी नीति के तहत वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए बेहतरीन कदम उठाया है। इलेक्ट्रिक माल वाहनों को 24 घंटे दिल्ली की सड़कों पर चलने की अनुमति होगी। कमर्शियल वाहन कंपनियों से मिली प्रतिक्रिया के बाद इस बड़े निर्णय पर काम कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि यह फैसला अधिक से अधिक कंपनियों को अपने वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए प्रोत्साहित करेगा।"

उन्होंने कहा कि कमर्शियल वाहन ऑपरेटरों को 2023 तक 50 फीसदी और 2025 तक 100 फीसदी वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने का संकल्प लेना चाहिए। ऐसा कर दिल्ली को भारत की ईवी राजधानी बनाने के प्रति प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए।

स्विच दिल्ली, दिल्ली सरकार द्वारा एक आठ सप्ताह का जन जागरूकता अभियान है, ताकि प्रत्येक दिल्ली वासी को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के फायदों के बारे में जागरूक किया जा सके।


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