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कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने प्रशिक्षण देने बनाई गई योजना

जिला जेल के कैंदियों को उन्नत कौशल ज्ञान व योग्यताओं के माध्यम से सक्षम बनाया जाएगा। जेल में कैदियों के लिए कुकिंग व कारपेटिंग की क्लासेस लगाई जाएगी

कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने प्रशिक्षण देने बनाई गई योजना
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राजनांदगांव। जिला जेल के कैंदियों को उन्नत कौशल ज्ञान व योग्यताओं के माध्यम से सक्षम बनाया जाएगा। जेल में कैदियों के लिए कुकिंग व कारपेटिंग की क्लासेस लगाई जाएगी। इस दौरान कुकिंग एक्सपर्ट द्वारा कैदियों को विभिन्न व्यंजन बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

जिला जेल की क्षमता 158 कैदियों-बंदियों की है। फिलहाल वहां पौने चार सौ लोग बंद हैं। वर्तमान में जेल में मैसन व प्लंबिंग की क्लास लगाई जा रही है। जिसके जेल के बंदी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। जेल से छूटने के बाद इन्हें रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। जेल में प्रशिक्षण लेने के बाद ये खुद का व्यसाय कर सकेंगे। जिला जेल में जल्द कौशल संवर्धन के कोर्स कराएं जाएंगे। इससे बंदियों को काफी राहत मिलगी। वहीं रोजगार का एक साधन में उपलब्ध हो जाएगा।

कैदियों को आसानी से रोजगार मिल जाएगा

जिला जेल के कैदियों को जेल से छुटने के बाद उन्हें रोजगार के लिए नहीं भटकना पड़ेगा। प्रशिक्षण के बाद कैदियों को आसानी से रोजगार मिल जाएगा। कैंदियों को जेल से छूटने के बाद रोजगार के लिए भटकना न पड़ेगा इसके लिए प्रशासन ने बंदियों को विभिन्न ट्रेड्रों में प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। ताकि प्रशिक्षण लेने के बाद आसानी से रोजगार मिल सके। जल्द ही जिला जेल के कैदियों को कुकिंग व कारपेंटिंग का प्रशिक्षण देकर उन्हें हुनरमंद बनाया जाएगा।

कुकिंग व कारपेटिंग का दिया जाएगा प्रशिक्षण

जेल से छूटने के बाद कुकिंग व कारपेटिंग का प्रशिक्षण ले चुके कैदियों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके। जिला जेल में वर्तमान में 371 बंदी है। जिन्में से रूचि रखने वाले बंदियों को कुकिंग व कारपेटिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें इस क्षेत्र में इतना दक्ष बना दिया जाएगा कि जेल से छूटने के बाद स्व.रोजगार के जरिए समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

''मेरे द्वारा अनेकों पहलुओं पर विचार विमर्श कर कैदियों के प्रति मेरी सोच यह है कि हर एक कैदी अपराधिक प्रवृत्ति को छोड़ मुख्य धारा से जुड़ सके। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अनुभवी प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों के माध्यम से इन्हें कुकिंग व कारपेटिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे वे आत्म निर्भर बन सके और अपना भविष्य गढ़ सके।"
कुंदन लाल नेताम, जेल अधीक्षक, राजनांदगांव


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