Top
Begin typing your search above and press return to search.

तीन साल की मोदी सरकार में तीसरे रेल मंत्री बने पीयूष गोयल

स्वतंत्र प्रभार से केबिनेट मंत्री बनने के बाद पीयूष गोयल ने आज रेल मंत्रालय का पदभार संभाल लिया

तीन साल की मोदी सरकार में तीसरे रेल मंत्री बने पीयूष गोयल
X

नई दिल्ली। स्वतंत्र प्रभार से केबिनेट मंत्री बनने के बाद पीयूष गोयल ने आज रेल मंत्रालय का पदभार संभाल लिया। निवेश बैंकर रहे पीयूष सीए हैं और मुंबई विश्वविद्यालय में कानून की शिक्षा भी दूसरे रैंक के साथ पास कर कई शीर्ष कंपनियों, बैंकों में सेवारत व प्रबंधन के गुर सिखाते रहे। खुद 2010 से राज्यसभा के सदस्य हैं लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया, विज्ञापन की रणनीति बनाने वाली टीम में सक्रिय रहे।

रेल मंत्रालय को चलाने का गुर निवर्तमान रेल मंत्री सुरेश प्रभु से सीखेंगे। यह कहते हुए पीयूष गोयल ने बताया दो दशक से दोनों के बीच संबंध हैं, मुंबईकर हैं और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 2002 में नदियों को आपस में जोड़ने के लिए बने प्रतिष्ठित कार्यबल में भी वह प्रभु के साथ थे। प्रभु ऊर्जा मंत्री रहे हैं और गोयल भी विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। इसका जिक्र करते हुए उन्होने मौजूद पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु की रेल में निवेश का जिक्र करते हुए कहा कि प्रभु ने नदी जोड़ने की परियोजना पर दिनरात काम किया लेकिन कांग्रेस ने दुर्भाग्य से उसे रोक दिया लेकिन अब फिर काम शुरू हुआ है।

ऐसे ही प्रभु ने रेल की पटरी को साफ कर दिया है और अब हम उस पर चलेंगे। इस अवसर पर रेल राज्य मंत्री और संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा तथा रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन उपस्थित थे। रेलगाड़ियां पटरी से न उतरें, इसका रोडमैप क्या होगा ऐसे प्रश्नों को तो आज वह टाल गए लेकिन उन्होने पिछले तीन वर्षों में रेलवे में भारी निवेश, विकास को गिनवा दिया। पीयूष राजग सरकार के तीन वर्षीय कार्यकाल में तीसरे रेल मंत्री हैं तो वहीं आजाद भारत के बाद 39वें। सांख्यिकी के अंदाज में बात करें तो 15 अगस्त 1947 से अब तक के रेल मंत्रियों का औसतन कार्यकाल लगभग दो वर्ष रहा है लेकिन नरेंद्र मोदी के तीन साल के कार्यकाल में वह तीसरे रेल मंत्री जरूर हैं।

अर्थात हर मंत्री औसतन एक साल ही रेल मंत्रालय में टिक सके। मोदी सरकार में मई 2014 से नवम्बर 2014 तक सदानंद गौड़ा जहां रेल मंत्री थे वहीं उसके बाद से अब तक सुरेश प्रभु ने रेल संभाली है और अब कमान पीयूष गोयल के हाथ हैं। उन्होने भी पदभार संभालने के तुरंत बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी तथा बोर्ड के अन्य सदस्यों के साथ बैठक कर आगाज किया वे पटरी पर लाने के प्रबंधन से वाकिफ हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it