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अभी से गिरने लगा अटल व्यावसायिक परिसर का पिलर

राजपुर के ग्राम पंचायत धंधापुर में करीब आठ लाख रूपए की लागत से बन रहा अटल व्यावसायिक परिसर के घटिया निर्माण का पोल खुल गया है।

अभी से गिरने लगा अटल व्यावसायिक परिसर का पिलर
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निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग
राजपुर। राजपुर के ग्राम पंचायत धंधापुर में करीब आठ लाख रूपए की लागत से बन रहा अटल व्यावसायिक परिसर के घटिया निर्माण का पोल खुल गया है। निर्माण इतना घटिया की इसका पिलर खुद ही गिर रहा है। हद तो यह है कि निर्माण कार्य में पानी की तराई तक नहीं किया जा रहा है। इसके वजह से निर्माण कमजोर हो रहा है।

यही हाल यहां बनवाए जा रहे आंगनबाड़ी भवनों का भी है। इस ओर प्रशासन ध्यान ही नहीं दे रहे है। शासकीय राशि का खुलकर दुरूपयोग की जा रही है। ग्राम धंधापुर में इन दिनों चार आंगनबाड़ी भवन के साथ अटल व्यवसायिक परिसर के दुकानों का निर्माण चल रहा है। दुकानों के घटिया निर्माण की कहानी तो देखा जा सकता है। दुकानों का निर्माण डोर लेबल तक किया गया था अचानक एक हिस्सा टूटकर खुद की गिर गया। इसकी जानकारी अधिकारियों को दी गई लेकिन जांच ओर कार्यवाई की बात तो दूर कोई देखने तक नहीं पहुंचते है।

वहीं पंचायत के जिम्मेदार कह रहे है। कि छज्जा खोलने के दौरान गलती से ऐसा हुआ है। यहां घटिया काम का पोल खुद से गिरा निर्माण ही नहीं है बल्कि इसके पिलर से बाहर झांक रहे सरिया भी हकीकत बयां कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यहां चल रहे निर्माण कार्य में पानी की तराई नहीं किए जाने के कारण ईंट का जोड नहीं पकड रहा है। दो ईंटों के बीच की जोड़ाई में लगा सीमेंट और बालू खुद ही छोड़ रहे हैं। इसे खरोंचकर देखा जा सकता है। राजपुर-बलरामपुर सवांददाता मौके पर पड़ताल के दौरान यहां आसपास के ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने कहा कि पंचायत में होने वाले घटिया निर्माण के बारे में वे अधिकारियों को देते हैं लेकिन कोई सुनवाई ही नहीं होती है।

यही वजह है कि आंगनबाड़ियों के निर्माण में भी पानी की तराई नहीं की जा रही है और सीमेंट बालू का अनुपात कम होने के कारण ये निर्माण ज्यादा दिन टिक पाएगें। अभी से सवाल खडे हो रहे है। कई ग्राम पंचायतों में निर्माण स्थल पे न तो तकनीकी सहायक न उच्चधिकारी पहुंच रहे हैं, ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव ठेकाप्रथा में मनमाने ढंग से घटिया निर्माण कार्य धडल्ले कराने में लगे है। निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले ही धरासाही को कर गिर जा रहे है जिसका जिम्मेदार कौन है।

फ्लाई एश ईट गुणवत्ता की जांच क्यों नहीं
प्रशासन का निर्देश है कि शासकीय निर्माण कार्य में फ्लाई एश ईट का ही उपयोग करना है, मगर प्रशासन के द्वारा फ्लाई एश ईट की गुणवत्ता जांच क्यों नहीं कराई जाती । क्षेत्र में दर्जनों फ्लाई एश ईट संचालित है ईट बनने के बाद पानी की तराई तक नहीं की जाती है, ईट निर्माण में घटिया मटेरियल का उपयोग की जा रही है। बगैर पक्के हुए ईट को निर्माण कार्य में सप्लाई की जा रही है। बाईट- निर्माण कार्य करीब 8 लाख 94 हजार की हैं मैं अभी देखा नहीं हुं देखने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा लागत पाए जाने पर कार्यवाई की जायेगी।


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