गुजरात हाई कोर्ट में पतंगबाजी पर प्रतिबंध की मांग को लेकर दायर हुई जनहित याचिका
गुजरात उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसके अंतर्गत आगामी उत्तरायण या मकरसंक्रांति के दौरान पूरे राज्य में पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है

गांधीनगर। गुजरात उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसके अंतर्गत आगामी उत्तरायण या मकरसंक्रांति के दौरान पूरे राज्य में पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। उच्च न्यायालय ने सरकारी वकील को सरकार से इस संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त करने के लिए कहा है और अगले सप्ताह सुनवाई निर्धारित की है।
पशु कल्याण फाउंडेशन गांधीनगर का प्रतिनिधित्व करने वाले मौलिक मांकड़ ने पतंग और धागे की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए जनहित याचिका दायर की है, क्योंकि इससे उत्तरायण में लोग बड़ी संख्या मं एकत्रित होंगे।
जनहित याचिका के माध्यम से फाउंडेशन 9 से 17 जनवरी तक एक स्थान में सभाओं पर पूर्ण प्रतिबंध चाहता है।
जनहित याचिका में कहा गया है कि लोग स्ट्रीट वेंडरों से पतंग के धागे को कांच से कोट करने के लिए भी इकट्ठा होते हैं। जनहित याचिका में कहा गया है कि लोग त्यौहार दोस्तों और परिवारों के साथ मनाते हैं जो कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा बढ़ाता है।
यह भी चेतावनी दी कि पतंग और धागे के विक्रेता वर्तमान स्थिति में कोरोना के सुपरस्प्रेडर बन सकते हैं। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि पतंग के धागे को कोटिंग करने वाले वायरस के सुपरस्प्रेडर बन सकते हैं।
याचिकाकर्ता ने अदालत से एक स्थान पर 4 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाने के लिए निर्देश देने की मांग की।
गुजरात सरकार ने उत्तरायण के दौरान हर साल आयोजित होने वाले अपने वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव को रद्द करने का फैसला किया है।


