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चीन में अफवाह रोकने के लिए  ‘पियाओ’ ऐप लॉच किया

चीन ने ऑनलाइन/सोशल मीडिया पर अफवाह रोकने के लिए वेबसाइट के साथ एक मोबाइल ऐप ‘पियाओ’ लॉन्च किया

चीन में अफवाह रोकने के लिए  ‘पियाओ’ ऐप लॉच किया
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बीजिंग । चीन ने ऑनलाइन/सोशल मीडिया पर अफवाह रोकने के लिए वेबसाइट के साथ एक मोबाइल ऐप ‘पियाओ’ लॉन्च किया है जो आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के प्रयोग से झूठी खबरों की पहचान करेगी।

चीन ने बुधवार को वेबसाइट लॉन्च की। चीन सरकार ने कड़े प्रतिबंधों के वाबजूद सोशल मीडिया पर राजनीति और अन्य संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा और इंटरनेट पर निगरानी के लिए यह कदम उठाया।

एक वेबसाइट के अलावा पियाओ नाम का एक ऐप भी जारी किया गया, जिसका अर्थ है, ‘अफवाहों को खारिज करना’। यह सोशल मीडिया अकाउंट के साथ-साथ वेबो और वी-चैट जैसे मोबाइल ऐप पर भी अफवाहों को रोकने का काम करेगा।

इन सभी ऐप के माध्यम से पियाओ देश के मीडिया, पार्टी नियंत्रित स्थानीय समाचार पत्र और विभिन्न सरकारी संगठनों के सूत्रों से सही खबर का प्रसारण करेगा।

पियाओ ने एक प्रमोशनल वीडियो में अपनी वेबसाइट पर कहा,“ अफवाह व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन करती है, अफवाह सामाजिक तनाव पैदा करती है, अफवाह से स्टॉक मार्केट्स में उतार-चढ़ाव हो जाता है, अफवाह सामान्य व्यापार पर प्रभाव डालती है और अफवाह क्रांतिकारी शहीदों का अपमान करती है।”

आधिकारिक डेटा बताता है कि जुलाई में इंटरनेट नियामक को गैरकानूनी और झूठी सूचना की करीब 60 लाख 40 हजार खबरें मिली थी, जिसमें सबसे ज्यादा मामले वेबो के सिना, वीचैट के टेनेंट, बायडू और अलीबाबा से आये हैं।

चीन के कानून के मुताबिक अफवाह फैलाने पर मानहानि का मामला दर्ज किया जा सकता है और आरोपी को सात साल तक की सजा भी हो सकती है। ऑनलाइन पोस्ट जो 5000 इंटरनेट उपयोगकर्ताओं द्वारा देखी गयी या 500 से अधिक बार दोबारा पोस्ट की गयी हैं, वे अफवाहों में शामिल मानी जाती हैं, ऐसे पोस्ट डालने वाले को जेल भी जाना पड़ सकता है।

पियाओ ने 40 से अधिक अफवाह रोकने वाले स्थानीय प्लेटफार्म एकीकृत किये हैं और अफवाहों की पहचान करने के लिये आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग किया गया है।

ये प्लेटफार्म 27 सरकारी विभागों, शक्तिशाली योजना निकाय, राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग के मार्गदर्शन का काम करेगा।
चीनी मीडिया का नियमित रूप से अफवाह पर कहना है कि अधिकतर ऑनलाइन अफवाहें भ्रष्ट स्थानीय अधिकारियों या स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर होती है न कि वरिष्ठ नेताओं के बारे में।


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