सऊदी में फोन जासूसी गैरकानूनी
सऊदी अरब में पति या पत्नी के फोन की जासूसी को अब अपराध करार दे दिया गया है, जिसके तहत अपराधी को जेल की सजा या 133,000 डॉलर का जुर्माना हो सकता है

रियाद। सऊदी अरब में पति या पत्नी के फोन की जासूसी को अब अपराध करार दे दिया गया है, जिसके तहत अपराधी को जेल की सजा या 133,000 डॉलर का जुर्माना हो सकता है। सरकार की एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, नए 'एंटी-साइबर क्राइम कानून' में बिना अनुमति के कंप्यूटर के जरिए डेटा का स्थानांतरण या जासूसी या किसी व्यक्ति को ब्लैकमेल या धमकी की मंशा से कंप्यूटर तक पहुंच जैसी गतिविधियों को अपराध या गैरकानूनी बनाया गया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है, "सोशल मीडिया के विकास से साइबर अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। इसमें ब्लैकमेल करने, गबन व मानहानि जैसे मामले शामिल हैं।"
सरकार ने कहा कि कानून का मकसद लोगों व समाज की नैतिकता की रक्षा करना व निजता को बनाए रखना है और यह पुरुष व महिलाओं दोनों पर लागू होगा।
फिर भी कुछ लोगों का तर्क है कि यह पुरुषों के लिए ज्यादा सुरक्षात्मक हो सकता है, क्योंकि कानून महिलाओं को उनके पति के खिलाफ दुर्व्यवहार के साबित करने को कठिन बना देता है।
सोशल मीडिया प्रौद्योगिकी अरब राज्य में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। सऊदी अरब की कुल आबादी के 75 फीसदी लोग 2017 की तीसरी तिमाही में सोशल मीडिया के सक्रिय उपयोगकर्ता रहे हैं।
सऊदी में लोकप्रिय सोशल नेटवर्क मोबाइल मैसेंजर व्हाट्स एप है, जिसका इस्तेमाल 71 फीसदी लोग करते हैं।


