भारत में जल संकट को लेकर जागरूक कर रहे हैं फिलेम रोहन
भारत में स्वच्छ पेयजल तक पहुंच की कमी आज एक गंभीर मुद्दा

ग्रेटर नोएडा। भारत में स्वच्छ पेयजल तक पहुंच की कमी आज एक गंभीर मुद्दा है। जल के महत्व और देशभर में समुदायों पर जल संकट के प्रभाव को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए शारदा युनिवर्सिटी ने वाटर फॉर लाइफ अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत शारदा विवि पीजी के छात्र फिलेम रोहन सिंह कश्मीर से कन्या कुमारी तक 5,500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर निकले हैं।
इस अभियान की शुरूआत 14 जून को श्रीनगर से की गई और अपने पांचवे पडाव के तहत यह दिल्ली पहुंची। इस पूरी यात्रा में कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर-प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, बेंगलूरू और केरल के दूरदराज के स्थानों तक पहुंचकर इस परियोजना के निष्कर्षों को एक वृत्तचित्र में तब्दील किया जाएगा जो जल से जुडे मुद्दों, तथ्यों और समाधानों पर भारत की पहली वीडियो आधारित अनुसंधान रिपोर्ट होगी और इसे भारत सरकार के साथ साझा किया जाएगा। फिलेम रोहन सिंह नई दिल्ली पहुंचे और दशरथपुरी गांव, ओखला और पूर्वी दिल्ली के हिस्सों के स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की और जीने के लिए उनके समक्ष आने वाली पानी से जुड़ी समस्याओं को जाना।
वे अभी तक श्रीनगर, द्रास, कारगिल, लेह, मनाली, चंडीगढ़ और कुरूक्षेत्र की यात्रा कर चुके हैं। इस अभियान का केंद्रबिंदु उन मुद्दों की पहचान करना है जिनकी वजह से स्वच्छ पेयजल की कमी पैदा हो रही है। साथ ही पशुधन, खेती, व्यवसाय, आजीविका को प्रभावित करने वाले जल से जुड़े अन्य मुद्दों एवं घटते भूजल स्तर के कारणों का पता लगाना भी इसका उद्देश्य है।
अपनी यात्रा के बारे में रोहन सिंह ने कहा कि अभी तक मैंने विभिन्न राज्यों के स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की है और उनके दैनिक जीवन में आने वाले जल संकट के बारे में पता लगाया है।
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, बेंगलूरू और केरल सहित 12 राज्यों के रास्ते साइकिल से यात्रा करेंगे। इस यात्रा के तहत वह पोंडा, बिचोलिम, सांगुएम, कैनाको, भाटसा, तुलसी, विहार, मध्य वैतरण, मोदक सागर, तनसा, ऊपरी वैतरणी आदि जैसे सुदूर क्षेत्रों से होते हुए प्रमुख मुद्दों की पहचान करेंगे।


