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केंद्र की गलत नीतियों की वजह से पेट्रोल की कीमत में हुआ इजाफा: रामेश्वर उरांव

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने पेट्रोल की बेतहाशा बढ़ती कीमतों को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोला

केंद्र की गलत नीतियों की वजह से पेट्रोल की कीमत में हुआ इजाफा: रामेश्वर उरांव
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रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने पेट्रोल की बेतहाशा बढ़ती कीमतों को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए बुधवार को कहा कि केंद्र की गलत नीतियों की वजह से आज पेट्रोल की कीमत सौ रुपये के करीब पहुंच गयी है।

डॉ. उरांव ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अंतराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की मौजूद स्थिति के अनुसार पेट्रोल-डीजल की कीमत देश में 40 से 42 रुपये के बीच रहनी चाहिए थी, लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण पेट्रोल की कीमत सौ रुपये के करीब है और यदि ऐसे ही हालत रही तो यह जल्द सौ रुपये के आंकड़े को भी पार कर जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद राज्य सरकार के पास राजस्व संग्रहण के दो ही तरीके बचे है, एक वैट और दूसरा उत्पाद टैक्स। केंद्र सरकार की ओर से देश में एक टैक्स प्रणाली लागू होने के वक्त 14 प्रतिशत क्षतिपूर्ति राशि देने की बात की थी, लेकिन अब केंद्र सरकार कभी मूलधन देने, तो भी ब्याज नहीं देने की बात कर रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी जरूरतों के मुताबिक नोट भी छाप लेती है, लेकिन राज्य सरकार को वृद्धजनों, विधवा,दिव्यांग और गरीबों के लिए पेंशन और अन्य सामाजिक योजनाओं का संचालन करना है, ऐसे में पैसे की जरूरत पड़ती है। इसके लिए राजस्व जरूरी है।

वित्तमंत्री डॉ0 उरांव ने कहा कि जो लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि चालू वित्तीय वर्ष में विकास योजनाओं की पूरी राशि खर्च नहीं हो पायी, उन्हें यह समझना चाहिए कि कोरोना संक्रमण काल में सभी लोग अपने घरों में सिमट गये, सरकार की प्राथमिकता लोगों की जान बचाना था और इसमें सरकार को सफलता भी मिली, यदि वे विपक्ष में होते, तो इस तरह का सवाल नहीं नहीं उठाते। उन्होंने कहा कि राजस्व उगाही के कारण सरकार से लोगों को यह जानने का अधिकार है कि पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क समेत अन्य योजनाओं पर कितनी राशि खर्च की गयी और इन योजनाओं का कितने लोगों को फायदा मिला।


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